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जीएसटी: कौन सी कार और बाइक होगी सस्ती या महंगी

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आइए जानते हैं किस तरह की कार और टू व्हीलर्स पर जीएसटी कितना लगेगा.

जैसा कि आप सभी को पता है कि एक जुलाई से पूरे भारत में एक समान टैक्स सिस्टम जीएसटी लागू हो जाएगा. आइए हम आपको बताते हैं कि इससे आॅटो इंडस्ट्री पर क्या फर्क पड़ेगा. हालांकि अलग अलग कैटेगरी की कारों पर क्या टैक्स लगेगा ये साफ हो गया है लेकिन अभी भी कुछ मामलों में सबकुछ साफ होना बाकी है. आइए जानते हैं किस तरह की कार और टू व्हीलर्स पर जीएसटी कितना लगेगा.

जीएसटी का लागू होना:
सोसाइटी आॅफ इंडिया आॅटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स अभी भी ये अध्ययन कर रही है कि जीएसटी लागू होने के बाद वास्तविक टैक्स कितना लगेगा. पर अभी तक जो स्पष्ट हुआ है उसके मुताबिक एक निश्चित टैक्स रेट अलग अलग कैटेगरी की कार या बाइक पर तय कर दिया गया है लेकिन कीमत में फर्क आएगा वो है 1 प्रतिशत से लेकर 15 प्रतिशत से लगाया जाने वाले अतिरिक्त सरचार्ज के कारण.

छोटी कारें थोड़ी महंगी होंगी:
भारतीय आॅटोमोटिव इंडस्ट्री पर जिन कारों का अधिपत्य है वे हैं छोटी कारें. अब बताया जा रहा है कि नई कर व्यवस्था यानी जीएसटी लागू होने के बाद छोटी कारें महंगी होंगी. छोटी कारों पर कुल कर में 3—4 प्रतिशत का इजाफा होगा. जो अभी 25—26 प्रतिशत लगता है वो 29—31 प्रतिशत तक हो जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि 1200 सीसी इंजन से कम क्षमता वाली पेट्रोल कारों पर 28 प्रतिशत का फिक्स जीएसटी और 1 प्रतिशत अतिरिक्त सरचार्ज लगेगा. जबकि 1500सीसी से नीचे की डीजल कारों पर 28 प्रतिशत फिक्स जीएसटी के अलावा 3 प्रतिशत अतिरिक्त सरचार्ज लगेगा. यानी जीएसटी लागू होने से मारुति आल्टो, रेनॉल्ट क्विड, मारुति सेलेरियो, मारुति बलेनो, फॉक्सवैगन पोलो और हुंडई आई20 की कारें महंगी होंगी.

छोटी कारों के निर्यात पर फर्क:
जैसा कि भारत छोटी कारों के निर्माण और दुनिया भर के बाजारों में निर्यात का हब है, जीएसटी के लागू होने से इस कारोबार पर भी फर्क पड़ेगा. हालांकि अभी तक इस बारे में विस्तार से जानकारी की प्रतीक्षा हो रही है लेकिन जो भी टैक्स स्लैब अबतक जारी हुआ है इससे लग रहा है कि जीएसटी का फर्क कारों के निर्यात पर भी पड़ेगा.

4 मीटर कारों का युग खत्म होगा?
नई कर व्यवस्था को देखकर लग रहा है कि इससे सब फोर मीटर व्हीकल पर भी जीएसटी का असर पड़ेगा. दरअसल सरकार 4 मीटर तक लंबी कारों पर ड्यूटी में छूट देती थी, जिसे अब बंद किया जा रहा है. ऐसे में हुंडई Xcent, हाल ही में लॉन्च हुई कार मारुति डिजायर, फॉक्सवैगन की एमियो जैसी तमाम कारें अब टैक्स बदलाव के कारण महंगी हो जाएंगी. इनकी कीमतों में बड़ा बदलाव आ सकता है.

मिड साइज सेडान कारों को होगा फायदा:
जानकार बताते हैं कि 4 मीटर लंबाई के साथ फुल साइज सेडान की ओर अब लोगों का रुझान बढ़ेगा. मारुति सियाज, हुंडई वर्ना और होन्डा सिटी जैसी कारों को अब लोग लेना ज्यादा तवज्जो देंगे क्योंकि इन कारों के टैक्स सिस्टम पर कोई बदलाव नहीं आएगा. इन पर पहले भी 43 प्रतिशत टैक्स लगता था और अब भी 28 प्रतिशत और 15 प्रतिशत जोड़कर 43 प्रतिशत ही लगेगा. इसका मतलब मिड साइज सेडान कारों को इस परिस्थिति का फायदा हो सकता है.

लग्जरी कारें पहले से सस्ती हो सकती हैं
लग्जरी कार बनाने वालों के लिए जीएसटी लागू होने से खुशी होगी. इसकी वजह ये है कि नई कर व्यवस्था लागू होने से इन पर टैक्स का बोझ पहले की अपेक्षा कम होगा. अभी प्रीमियम कारों पर कुल टैक्स 41.5% से 44.5% के बीच है. इसमें 27-30% सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और स्टेट वैट आदि भी है. अब जीएसटी लागू होने से इन कारों पर अधिकतम 43 प्रतिशत ही टैक्स लगाया जा सकता है. जिसमें 28 प्रतिशत बेस टैक्स और 15 प्रतिशत सेस जोड़ा गया है.

बाइक पर 3 प्रतिशत ज्यादा टैक्स
ऐसी मोटरसाइकिल जो 350सीसी से कम इंजन क्षमता वाली हैं उन पर अधिकतम 28 प्रतिशत का टैक्स लगेगा लेकिन इससे अधिक क्षमता वाली बाइक पर बेस टैक्स के अलावा 3 प्रतिशत सेस भी लगाया जाएगा. इससे बाइक पर कुल 31 प्रतिशत टैक्स हो जाएगा. वर्तमान में अलग अलग तरह के टू-व्हीलर्स पर अलग-अलग तरह की कर व्यवस्था के तहत 28-35 फीसदी के बीच टैक्स लगता है.

कॉमर्शियल व्हीकल्स की बात करें तो सामान ढोने वाली गाड़ियों पर सीधा टैक्स 28 प्रतिशत का लगेगा लेकिन 10 से 13 सवारियों को ढोने वाली गाड़ियों पर 15 प्रतिशत का अतिरिक्त सेस लगेगा. इसके अलावा आॅटो पार्ट्स पर भी 28 प्रतिशत का टैक्स लगेगा जो अभी 15 से 18 प्रतिशत के बीच है. यानी इससे भी गाड़ियों की कीमत ज्यादा होगी. पढ़े – भारत बना दोपहिया वाहनों का सबसे बड़ा बाजार, चीन हुआ पीछे

पहले सरकार ने कहा था कि जीएसटी लागू होने के बाद अतिरिक्त सेस सिर्फ लग्जरी सामानों पर ही लगेगा लेकिन अब इसका भी रेंज 1 प्रतिशत से लेकर 15 प्रतिशत तक तय करने से निश्चित तौर पर हर तरह के वाहनों पर इसका फर्क पड़ेगा. वहीं जानकार ये भी कह रहे हैं कि ये देखना भी दिलचस्प होगा कि आॅटो निर्माताओं से सरकार कितना टैक्स लेगी. अगर आॅटो पार्ट्स या कंपोनेंट पर टैक्स ज्यादा होगा या कम होगा तो उसके अनुसार एक बार फिर से कारों या बाइक की कीमत पर चर्चा करनी होगी.

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