भारत के किसी भी शहर में आपको सड़कों पर कार यानी चार पहिया वाहनों की तुलना में दोपहिया वाहन ज्यादा नजर आते हैं। कारों की कीमत कम होने के बाद भी लोग यहां पर दोपहिया वाहन ज्यादा खरीदते हैं और यही कारण है कि भारत दोपहिया वाहनों की बिक्री के लिहाज से चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया है।
पिछले साल देश में 1 करोड़ 77 लाख टू-वीइलर बिके, यानी प्रति दिन औसतन 48,000 से ज्यादा। पड़ोसी देश चीन में पिछले साल कुल 1 करोड़ 68 लाख टू-वीइलर ही बिके। ये आंकड़े सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबिल मैन्युफैक्चरर्स (सिआम) और चाइना असोसिएशन ऑफ ऑटोमोबिल मैन्युफैक्चरर्स के हैं।
रिपोर्ट की मानें तो चीन का बाजार कुछ साल पहले 25 मिलियन (ढाई करोड़) या इसके आसपास के सर्वोच्च स्तर को छूने के बाद अब कमजोर पड़ने लगा है। बीते कुछ सालों में चीन में दोपहिया वाहनों की बिक्री में कमी आई है। हालांकि, चीन इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का सबसे बड़ा बाजार बना है। इंडोनेशिया दुनिया के टू-वीइलर मार्केट में तीसरे पायदान पर धीरे-धीरे काबिज हो रहा है। वहां पिछले साल 60 लाख दोपहिया वाहन बिके। साल 2015 में यह आंकड़ा 65 लाख था।
इस मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी टू-वीइलर कंपनी होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) के सीनियर वीपी (सेल्स ऐंड मार्केटिंग) वाईएस गुलेरिया ने कहा कि भारत में लोग आसानी ने दोपहिया वाहन अफोर्ड कर लेते हैं और यह उनकी जरूरतों पर फिट बैठते हैं। यहां लोगों की आवाजाही की जरूरत बढ़ रही है और हम दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। कर्ज के आसान विकल्पों, नए-नए एवं कमतर ईंधन की जरूरत वाले मॉडलों, बढ़ती आमदनी के साथ-साथ ई-कॉमर्स जैसे नए बिजनस मॉडलों की वजह से भी देश में दोपहिया वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।