Hyundai Creta specs
कार न्यूज़

दुर्घटना के समय एयरबैग्स नहीं खुले तो सुप्रीम कोर्ट ने Creta ओनर को 3 लाख रुपये मुआवजा देने का सुनाया फैसला

5 साल तक देश की अलग अलग अदालतों में चले इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया आखिरी फैसला

हाल ही में एक क्रेटा ओनर के साथ साल 2017 में हुए हादसे के बाद कार के एयरबैग नहीं खुलने के मामले पर उन्हें अब जाकर सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है। हुंडई मोटर्स और क्रेटा ओनर के बीच चली 5 साल तक की इस लंबी कानूनी लड़ाई के बीच कोर्ट ने पीड़ित ओनर के पक्ष में फैसला सुनाया और अब हुंडई को बतौर ओनर को 3 लाख रुपये का हर्जाना पीड़ित को देना होगा। क्या कुछ है मामला इसपर डालिए एक नजर:

छोटी से लेकर बड़ी अदालत हर किसी ने ओनर के पक्ष में सुनाया फैसला

हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड बनाम शैलेंद्र भटनागर नाम का ये केस 16 नवंबर 2017 के दिन प्रकाश में आया। उस दिन अपनी क्रेटा कार ड्राइव करते वक्त शैलेंद्र के साथ एक हादसा पेश आया। दिल्ली-पानीपत हाईवे पर ओनर Creta 1.6 VTVT SX+ मॉडल ड्राइव कर रहे थे जो उन्होनें अगस्त 2015 में खरीदी थी। इस कार में दो फ्रंट एयरबैग्स दिए गए थे। 

इस हादसे में कार के फ्रंट रूफ का राइट साइड,राइट साइड फ्रंट पिलर,राइट साइड के डोर पैनल्स,साइड बॉडी पैनल्स और लेफ्ट हैंड फ्रंट व्हील सस्पेंशन क्षतिग्रस्त हुए। हादसे के समय एयरबैग्स के ना खुलनेे से ओनर की छाती और सिर में चोट आ गई। इसके अलावा इस हादसे में उनके दांत भी टूटे। ओनर का कहना है कि उन्हें एयरबैग्स के ना खुलने से ये चोटें आई। यदि समय पर क्रेटा के एयरबैग्स खुल जाते तो शायद तस्वीर कुछ अलग हो सकती थी। 

इसके बाद ओनर ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग में जाकर कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया। इसके बाद राज्य आयोग ने ओनर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए हुंडई को 3 लाख रुपये का मुआवजा ओनर को देने का आदेश दिया। इसमें दो लाख बतौर मेडिकल खर्च और आय के नुकसान के लिए, 50 हजार रुपये मुकदमेबाजी की लागत के लिए और 50 हजार रुपये मानसिक पीड़ा जैसी चीजों को मद्देनजर रखते हुए मुआवजा देने के आदेश दिए गए। 

इसके बाद मामले को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में चुनौती दी गई और यहां भी ओनर के पक्ष में ही फैसला सुनाया गया। आयोग ने हुंडई को पीड़ित क्रेटा ओनर को एक नई कार सौंपने के आदेश दिए। इसके बाद ये मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और एक बार फिर से पीड़ित के पक्ष में ही फैसला सुनाया गया। 

हुंडई के पक्षकारों ने अपने बचाव में ये कहा

हुंडई ने अपनी ओर से अदालत को कहा कि ओनर ने कभी भी हर्जाने के तौर पर नई कार देने की बात नहीं कही थी। इसके अलावा हुंडई के पक्षकारों ने कहा कि कि कार साइड से दुर्घटनाग्रस्त हुई थी ना कि ओनर द्वारा कथित तौर पर बताए गए आमने सामने की कोई टक्कर थी। इसके बाद अदालत में जिरह करते हुए कंपनी के पक्षकारों ने कोर्ट से कहा कि कार के एयरबैग्स सामने से गाड़ी पर ज्यादा बल पड़ने या झटका लगने के बाद ही खुलते हैं। यदि फोर्स कम होगी तो एयरबैग्स नहीं खुलेंगे। कंपनी की ओर से पूरे ​मामले का निष्कर्ष यही बताया गया कि गाड़ी के एयरबैग सिस्टम में कोई कमी नहीं थी। 

यह भी पढ़ें: जानिए कितनी सेफ हैं Hyundai-Kia की क्रेटा/सेल्टोस जैसी कारें

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने इस बात पर जोर दिया कि कार का फ्रंट सेक्शन भी इस घटना में बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। उन्होनें कहा यदि एयरबैग्स खुल जाते तो शायद पीड़ित उतना चोटिल ना हो पाता। साथ ही जजों ने कहा कि एक कस्टमर से आप फिजिक्स में निपुण होने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं और ये सब टेक्निकल चीजें होती है जिनका कस्टमर्स से कोई लेना देना नहीं होना चाहिए। बल्कि कंपनियों को ही अपनी तरफ से कारों में ज्यादा से ज्यादा सेफ्टी सुनिश्चित करनी चाहिए। अंत में कोर्ट ने माना कि उक्त पीड़ित को कंपनी द्वारा एक नया व्हीकल देना चाहिए। बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस विनीत सारन और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने की है। 

हाल ही में हुंडई क्रेटा को ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में हासिल हुई महज 3 स्टार सेफ्टी रेटिंग

Hyundai Creta crash test

बता दें कि हाल ही में भारत में काफी ज्यादा पॉपुलर एसयूवी हुंडई क्रेटा का ग्लोबल एनकैप की ओर से क्रैश टेस्ट किया गया है। इस मिड साइज एसयूवी को टेस्ट में 3 स्टार सेफ्टी रेटिंग दी गई है। क्रैश टेस्ट में इसके बेस वेरिएंट ई को इस्तेमाल में लिया गया है जिसमें साइड और कर्टेन एयरबैग्स का फीचर फिलहाल नहीं दिया जा रहा है। 

हुंडई क्रेटा का 64 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर फ्रंटल ऑफसेट क्रैश टेस्ट किया गया जिसके आधार पर इसे एडल्ट प्रोटेक्शन कैटेगरी में 3 स्टार रेटिंग दी गई। ग्लोबल एनकैप ने क्रेटा की बॉडी शेल को ‘अस्थिर’ रिमार्क दिए और ये कार आगे किसी वजनदार चीज से टकराने के बाद खुद को संभालने में असक्षम पाई गई। इसके अलावा क्रेटा के फुटवेल एरिया को भी इस दौरान अस्थिर पाया गया। 

क्रेटा को एडल्ट प्रोटेक्शन कैटेगरी में ओवरऑल 17 में से 8 पॉइन्ट्स दिए गए। इस टेस्ट में ड्राइवर के सिर की प्रोटेक्शन को ‘adequate’ यानी संतोषजनक रिमार्क दिए गए और फ्रंट पैसेंजर के सिर की सेफ्टी ‘good’ यानी अच्छा करार दिया गया। टेस्ट के दौरान ड्राइवर और को ड्राइवर की डमी के गर्दन को अच्छी प्रोटेक्शन मिलती दिखाई दी तो वहीं ड्राइवर की चेस्ट प्रोटेक्शन मार्जिनल बताई गई जबकि को ड्राइवर की छाती की सुरक्षा को अच्छा बताया गया। 

दूसरी तरफ ड्राइवर और फ्रंट पैसेंजर के घुटने की सेफ्टी को ‘मार्जिनल’ बताते हुए ग्लोबल एनकैप ने कहा कि दुर्घटना की स्थिती में ड्राइवर और पैसेंजर के घुटने इस दौरान डैशबोर्ड के पीछे मौजूद किसी खतरनाक स्ट्रक्चर से टकरा सकते हैं। 

यह भी देखें: हुंडई i20 को G-NCAP से मिली 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग, स्थिर नहीं पाया गया बॉडीशेल

हुंडई क्रेटा को चाइल्ड प्रोटेक्शन कैटेगरी में भी 3 स्टार सेफ्टी रेटिंग दी गई जहां इसे 49 में से 28.29 पॉइन्ट्स दिए गए। बता दें कि क्रेटा के बेस वेरिएंट में आईएसओफिक्स चाइल्ड सीट एंकरेज का फीचर नहीं दिया गया है और बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सीट बेल्ट का ही इस्तेमाल करना पड़ता है। इसमें जब 3 साल के बच्चे की डमी को रखकर सीट बेल्ट पहनाई गई तो उसके सिर और चेस्ट की प्रोटेक्शन काफी खराब पाई गई। हालांकि इसमें जब 1.5 साल के बच्चे की डमी को रियर फेसिंग करके रखा गया तो इस दौरान उसके हेड और चेस्ट की सुरक्षा अच्छी पाई गई। 

ग्लोबल एनकैप ने ये बात भी कही है कि हुंडई क्रेटा में सभी पैसेंजर के लिए 3 पॉइन्ट सीट बेल्ट का फीचर स्टैंडर्ड नहीं दिया गया है वहीं इसमें आईएसओफिक्स चाइल्ड सीट एंकर भी स्टैंडर्ड नहीं दिया गया है जिससे इसकी स्कोरिंग कम आई है। 
यह भी देखें:ये हैं इंडिया की TOP 10 SAFEST CARS, लिस्ट में सबसे ज्यादा टाटा के मॉडल्स

दुर्घटना के समय एयरबैग्स नहीं खुले तो सुप्रीम कोर्ट ने Creta ओनर को 3 लाख रुपये मुआवजा देने का सुनाया फैसला
To Top