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फॉक्सवैगन बीटल का प्रोडक्शन हो सकता है बंद, जानें वज़ह

फॉक्सवैगन बीटल

बीटल को पूरी तरह हटाने को लेकर अभी फॉक्सवैगन की तरह से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

हर अच्छी चीज का जैसे अंत होता है वैसा ही कुछ फॉक्सवैगन की आइकॉनिक कार बीटल ब्रांड के साथ. कंपनी अब इस कार का प्रोडक्शन खत्म करने का फैसला कर चुकी है. बीटल फॉक्सवैगन की उन पुरानी कारों में से एक है जो अपनी रेट्रो लुक और स्टाइल के लिए जानी जाती है. कंपनी की 2017 एनुअल मीटिंग में ये फैसला लिया गया कि फॉक्सवैगन बीटल की बिक्री की धीमी रफ्तार को बदला जाएगा.

पूरे यूरोप में 2017 की पहली तिमाही ये बीटल की मात्र 5,774 यूनिट ही बिक पाई. जबकि पूरे 2016 साल की बात करें तो इसी बाजार में ये सिर्फ 25127 कारें ही बिक पाईं. इसी तरह भारतीय बाजार में भी ये काफी सुस्त दिखाई पड़ा. बीटल को पूरी तरह हटाने को लेकर अभी फॉक्सवैगन की तरह से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. लेकिन कंपनी के जानकारों का मानना है कि इससे होने वाली कॉस्ट कटिंग से इसकी आने वाली इलेक्ट्रिक कार को काफी मदद मिलेगी. पढ़े – फॉक्सवैगन Virtus कर सकती है Vento को रिप्लेस

आइए जानते हैं फॉक्सवैगन बीटल के बारे में वो बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं:

1. बीटल का इतिहास 1394 से भी पुराना है जब एडोल्फ हिटलर ने फर्डिनैंड पॉर्श को फॉक्सवैगन बनाने का आॅर्डर दिया जिसका जर्मनी में असली मतलब होता है लोगों की कार.

2. हिटलर ने आदेश दिया था कि एक ऐसी बेसिक कार बनाई जाए जिससे दो वयस्क और 3 बच्चों सहित 5 लोग सफर कर सकें. एक ऐसी गाड़ी बनाने का आदेश दिया गया जो 100 किमी प्र​ति घंटा की रफ्तार से भाग सके और सिर्फ 7 लीटर तेल में 100 किमी तक जाए.

3. समय के साथ फॉक्सवैगन बीटल का डिजाइन बदलता गया और आज ये अपने रेट्रो डिजाइन के लिए जानी जाती है जिसके अंतिम जेनरेशन मॉडल में कई नए तकनीकियों को जोड़ा भी गया.

4. मार्च 2016 में फॉक्सवैगन इंडिया ने न्यू जेनरेशन बीटल को 28.73 लाख रुपये में लॉन्च किया था. ये कीमत एक्सशोरूम मुंबई के हिसाब से है. हालांकि ये कार देशभर के सिर्फ चुनिंदा शोरूम पर ही उपलब्ध थी.

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