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फाइनेंशियल ईयर 2022 में पहली बार SUV कारों से पिछड़ी हैचबैक-सेडान कारें

एक्सपर्ट्स की मानें तो एसयूवी कारों के प्रति ग्राहकों के बढ़ते रूझान में उम्र का काफी प्रभाव है।

एक समय छोटी कारों का हब रहे इंडियन कार मार्केट में अब हैचबैक और सेडान कारों को बिक्री के मामले में यूटिलिटी कारों से कड़ी टक्कर मिलने लगी है। पहली बार यूटिलिटी व्हीकल्स का पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में मार्केट शेयर 48.5 प्रतिशत तक पहुंचा है। 

फाइनेंशियल ईयर में जहां हैचबैक और सेडान सेगमेंट की 22,18,489 यूनिट्स कारें बिकी थी तब यूटिलिटी व्हीकल्स का सेल्स फिगर 9,41,474 यूनिट्स रहा था। सेगमेंट की सेल्स में 12,77,015 यूनिट्स का एक बड़ा गैप रहा था। तीन साल के बाद ये गैप कम होता गया जहां लगातार हैचबैक और सेडान कारों की सेल्स गिरने लगी और यूटिलिटी व्हीकल्स का मार्केट शेयर बढ़ने लगा। 

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स की मानें तो एसयूवी कारों के प्रति ग्राहकों के बढ़ते रूझान में उम्र का काफी प्रभाव है। जहां युवा कस्टमर्स इनोवेशन,हाई टेक्नोलॉजी और सेफ्टी फीचर्स को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं। यहां तक कि इसके अलावा पिछले दो सालों में जहां भारत में एक दर्जन से ज्यादा युटिलिटी व्हीकल सेगमेंट की नई कारें लॉन्च हुई तो वहीं इस दरम्यां बेहद कम हैचबैक या सेडान कारें मार्केट में उतारी गई। इसके अलावा यूटिलिटी व्हीकल्स की अफोर्डेबिलिटी का भी इनकी सेल्स बढ़ने में काफी अहम योगदान रहा जिससे लोग हैचबैक या सेडान के बजाए इस सेगमेंट की कारें खरीदना पसंद करने लगे हैं। 

इसके अलावा एक्सपर्ट का मानना है कि एंट्री लेवल सेगमेंट का सबसे बड़ा मार्केट रूरल एरिया में सुस्ती देखने को मिली जिससे छोटी कारों का मार्केट पिटने लगा है। अर्बन मार्केट के मुकाबले रूरल और सेमी रूरल मार्केट में लोगों की आय घटने से ग्रामीण कस्टमर्स की ओर से ज्यादा कारें नहीं खरीदी गई। 

फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में जहां पैसेंजर कार सेल्स 15,41,866 यूनिट्स रही तो वहीं फाइनेंशियल ईयर 2022 तक 4.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ ये ​आंकड़ा 14,67,056 यूनिट्स रहा। कोरोना काल से पहले फाइनेंशियल ईयर 2019 में 22,18,489 यूनिट्स पैसेंजर व्हीकल्स बिके ​थे। 

दूसरी तरफ फाइनेंशियल ईयर 2022 में यूटिलिटी व्हीकल्स की सेल्स 14,89,178 यूनिट्स रही जो फाइनेंशियल ईयर 2021 के मुकाबले 40.3 प्रतिशत ज्यादा रही। बता दें कि फाइनेंशियल ईयर 2021 में इस सेगमेंट से 10,60,750 यूनिट्स कारें बिकी थी। फाइनेंशियल ईयर 2020 के मुकाबले भी ये गैप काफी ज्यादा है। 

2021 से 2026 के बीच और ज्यादा बिकेंगे यूटिलिटी व्हीकल्स

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2021 से लेकर 2026 के बीच देश का यूटिलिटी व्हीकल सेगमेंट दूसरे कार सेगमेंट से कहीं ज्यादा ग्रोथ हासिल ​करेगा। इस दौरान जहां इस सेगमेंट की ग्रोथ में 14 से 18 प्रतिशत का इजाफा होगा तो वहीं छोटी कारों का मार्केट महज 4 से 6 प्रतिशत की ग्रोथ हासिल करेगा। उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि फाइनेंशियल ईयर 2026 तक यूटिलिटी व्हीकल का मार्केट शेयर 51 से 53 प्रतिशत तक जा सकता है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब कंज्यूमर एसयूवी टाइप डिजाइन,उंचा ड्राइविंग स्टांस,और दमदार रोड प्रजेंस जैसे कई फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए एसयूवी कार खरीदने लगे हैं। 
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फाइनेंशियल ईयर 2022 में पहली बार SUV कारों से पिछड़ी हैचबैक-सेडान कारें
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