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भारत में बंद हो सकती है टाटा की नैनो कार

टाटा नैनो

टाटा नैनो की कम बिक्री और इसके उत्पादन में आ रहे ज्यादा खर्च की वजह से टाटा मोटर्स को घाटा हो रहा है।

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट लखटकिया नैनो पर संकट के बादल मंडराने लगे है। नैनो की लगातार घट रही मांग और इसके उत्पादन में आ रहे अधिक खर्च ने कंपनी इस बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है और इसी के चलते अंदाजा लगया जा रहा है कि दुनिया की सबसे सस्ती कार और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट टाटा नैनो बंद हो सकती है। नैनो की कम बिक्री और इसके उत्पादन में आ रहे ज्यादा खर्च की वजह से टाटा मोटर्स को घाटा हो रहा है। भविष्य में टाटा नैनो को बाजार में बनाए रखने के लिए कंपनी इसकी तकनीक को अपग्रेड करना होगा जिसपर खर्च और बढ़ेगा। ऐसे में टाटा मोटर्स नैनो के खर्चीले और घाटे में चल रहे प्रोजेक्ट में निवेश बढ़ाने की फिराक में नहीं दिख रही। टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने हालांकि टाटा नैनो के बंद होने की अटकलों पर विराम लगाया है, उनका कहना है कि यह सेगमेंट कंपनी के लिए बहुत जरूरी है, उनके मुताबिक जिन मार्केट्स में नैनो की मांग रहेगी उनके लिए कंपनी इस कार को बनाती रहेगी। पढ़े – टाटा मोटर्स बनी भारत की चौथी बड़ी कार कंपनी

आपको बता दें कि 2015 में नैनो को GenX नैनों के नाम से रिलॉन्च किया गया था और इसकी कीमत 1.99 लाख रखी गई, लेकिन अभी यह कार बाजार में 2.29 लाख रुपये से लेकर 3.2 लाख एक्स शोरूम दिल्ली मिल रही है। जो कि डैटसन रेडिगो से थोड़ा ही कम है। इसकी कीमत 2.41 लाख रुपये एक्स शोरूम दिल्ली है। हालांकि टाटा नैनो से प्रभावित होकर ही ​बेस्ट सैलर और बजट में फिट बैठने वाली क्विड को लॉन्च किया गया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक टाटा नैनो की टेक्नोलॉजी को BS-IV तक अपग्रेड करने के लिए टाटा मोटर्स को इस प्रोजेक्ट पर निवेश करना होगा साथ में कार के क्रैश टेस्ट तकनीक को अपग्रेड करने में भी खर्च आएगा जिसके बाद कार की कीमत करीब एक लाख रुपये बढ़ जाएगी और नैनो की मौजूदा सेल को देखते हुए कंपनी इस प्रोजेक्ट पर ज्यादा निवेश करने की इच्छुक नहीं है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने नैनो के किसी भी सप्लायर को BS-IV के लिए तैयार रहने के लिए नहीं कहा है। पढ़े – टाटा मर्लिन हो सकता है Q502 SUV का फाइनल नाम

ईंधन खपत नियमों के मुताबिक 2020 तक कार निर्माता कंपनियों को BS-IV तकनीक अपनाना जरूरी है साथ में 2019 तक कार क्रैश टेस्ट तकनीक को अपग्रेड करना भी जरूरी है। लेकिन टाटा नैनो की बिक्री लगातार कम हो रही है और कंपनी का यह प्रोजेक्ट लंबे समय से घाटे में चल रहा है, ऐसे में कंपनी इस प्रोजेक्ट पर ज्यादा पैसा नहीं लगाना चाहती। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने कहा था कि टाटा नैनो के प्रोजेक्ट से करीब 6,400 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। इस साल मार्च में टाटा नैनो की मासिक बिक्री घटकर सिर्फ 164 दर्ज की गई है जो अबतक की सबसे कम मासिक बिक्री है, अप्रैल और मई के दौरान नैनो की मासिक बिक्री 300 से थोड़ा अधिक रही है।

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