Ford Endeavour Discontinued
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Ford Car Owners के लिए काम की खबर: 5 साल तक नहीं बढ़ेंगे पार्ट्स के दाम, 10 साल तक मिलती रहेगी सर्विस

डीलर्स के साथ सैटलमेंट करने का प्लान तैयार, भारत से विदाई लेने से पहले 5000 करोड़ रुपये तक खर्च करेगी कंपनी

फोर्ड ने 2021 की शुरूआत में भारत से विदाई लेने के संकेत दे दिए थे और साल खत्म होते होते ये इस अमेरिकन कारमेकर ने इंडियन मार्केट को अलविदा कह दिया है। फोर्ड के भारत से जाने से ना सिर्फ उसके डीलर्स को करारा झटका ​लगा बल्कि फोर्ड कार ओनर्स के मन में भी कई तरह के सवाल पैदा हुए। हाल ही में एक ऑटो पोर्टल को कंपनी ने जानकारी दी है कि उसकी भारत में 90 प्रतिशत डीलरशिप्स सर्विस ऑपरेशंस चालू रहेंगे। वहीं 10 प्रतिशत डीलरशिप्स के संबंध में जल्द फैसला लिया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि फोर्ड का पूरे भारत में 258 से ज्यादा शहरों में डीलर सर्विस नेटवर्क मौजूद था जो अब 240 से ज्यादा शहरों में मौजूद रहेगा। 

कस्टमर्स को 10 साल तक मिलती रहेगी सर्विस 

फोर्ड इंडिया के उच्चाधिकारी ने जानकारी दी है कि वो आने वाले 10 सालों तक अपने मौजूदा कस्टमर्स को कार सर्विस ऑफर करती रहेगी। इसके अलावा कंपनी अगले 5 सालों तक अपने पार्ट्स की कीमत भी नहीं बढ़ाएगी। फोर्ड ने अपने पार्ट्स की इंवेंट्री को दिल्ली,चेन्नई,मुंबई,सानंद (गुजरात) स्थित पार्ट्स डीपो में स्टॉक कर लिया है। ऐसे में अब कंपनी की कारें खरीद चुके कस्टमर्स के लिए ये काफी राहत देने वाली खबर है और उन्हें ओरिजनल पार्ट्स की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। 

डीलर्स को भी राहत 

Ford Ranger Raptor

अपने कस्टमर्स को राहत देने के साथ साथ ही फोर्ड ने अपने डीलर्स के साथ भी समझौता करने का फैसला किया है। फोर्ड ने कहा है कि कंपनी बंद हो जाने से उसके डीलर्स को हुए नुकसान की भरपाई का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। एक डीलरशिप ने ऑटो पोर्टल को बताया कि “मान लीजिए, एक डीलर ने आमतौर पर 200 यूनिट कारों की बिक्री की और उसका डीलर मार्जिन इंसेटिव्स समेत60,000-70,000 रुपये है। ऐसे में अब बिक्री बंद होने से कंपनी डीलर को 1.4 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी यानी 200 यूनिट्स के हिसाब से हर युनिट के लिए 70,000 रुपये का भुगतान करेगी। डीलर ने ये जानकारी भी दी है कि कंपनी ये भुगतान एकमुश्त ना करते हुए किश्तों में करेगी जो हर 6 महीने में दिया जाएगा। ऐसे में चार साल के भीतर डीलर को पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि हर डीलरशिप को बिक्री में हुए नुकसान का आकलन पिछले 14 महीनों में उसकी औसत बिक्री के आधार पर किया जाएगा। 

एक रिपोर्ट की मानें तो फोर्ड भारत से विदाई लेने के लिए करीब 5000 करोड़ रुपये खर्च कर देगी। इसमें से कुछ राशि डीलर सेटलमेंट के लिए तो कुछ कर्मचारियों और सप्लायर्स को पेमेंट करने में खर्च किया जाएगा। इस राशि का उपयोग फोर्ड भारत में अपने फ्यूचर बिजनेस प्लान में भी इंवेस्टमेंट के तौर पर खर्च कर सकती है। 

भारत में अब केवल इंपोर्टेड कारें बेचेगी कंपनी

फोर्ड भारत में एक सीमित डीलर नेटवर्क के जरिए यहां उपस्थित रह सकती हैं। कंपनी यहां Mustang Mach-E और Mustang GT जैसे मॉडल्स को यहां इंपोर्ट कर बेचने का ऐलान भी कर चुकी है। इसके अलावा कंपनी की यहां पॉपुलर कार रही फोर्ड एंडवेर का न्यू जनरेशन मॉडल भी ला सकती है जिसे थाईलैंड में स्पॉट किया गया है। ये कार भी यहां कंपनी इंपोर्ट कर बेच सकती है। इसके अलावा फोर्ड अपने फ्यूचर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को भी भारत में लॉन्च कर सकती है। 

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