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पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक कारें सस्ती करा सकता है अफगानिस्तान, छिपा है ये खजाना

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक 2010 में अमेरिकी सेना और भू-वैज्ञानिकों ने अफागानिस्तान के कुछ हिस्सों में मिनरल्स के भंडार छिपे होने का पता लगाया था। इन मिनरल्स की वैल्यु करीब 74.37 लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी ।

इन दिनों पूरी दुनिया में अफगानिस्तान चर्चा का केंद्र बना हुआ है जहां अब आतंकी संगठन तालिबान सत्तासीन हो चुका है। बरसों से युद्ध झेलते आ रहे इस देश की अर्थव्यवस्था की स्थिती बद से बदतर है। ये दुनिया के काफी गरीब देशों में से एक भी है जहां रोजगार के ना तो ज्यादा साधन है और ना ही ना व्यापारिक परिस्थितयां। मगर अपने गर्भ में अफगानिस्तान की धरती एक बेश्कीमती चीज छिपाए है जिससे इस देश और यहां के लोगो की किस्मत पलट सकती है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक 2010 में अमेरिकी सेना और भू-वैज्ञानिकों ने अफागानिस्तान के कुछ हिस्सों में मिनरल्स के भंडार छिपे होने का पता लगाया था। इन मिनरल्स की वैल्यु करीब 74.37 लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी । इन मिनरल्स में लिथियम भी शामिल है जिससे रीचार्जेबल बैट्री तैयार की जाती है। यदि अफगानिस्तान इस चीज का सही इस्तेमाल करने लगे तो वो पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की प्राइस को कम कराने में मदद कर सकता है। 

Afghanistan Lithium

लिथियम के लिए  अभी इन देशों पर निर्भर है पूरी दुनिया

पूरी दुनिया में अभी सिर्फ चीन,कांगो और ऑस्ट्रेलिया में लिथियम,कोबाल्ट और दूसरे अर्थ एलिमेंट्स का उत्पादन हो रहा है जहां इन देशों की इसमें करीब 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रिक कार की बैट्री तैयार करने में लिथियम,निकल और कोबाल्ट की जरूरत पड़ती है जबकि कॉपर और एल्युमिनियम से इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्किंग के काम आते हैं। भारत के साथ साथ पूरी दुनिया में अब इनलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने पर जोर दिया जा रहा है जिसके कारण लिथियम और कोबाल्ट जैसे मैटल्स की काफी डिमांड बढ़ रही है। वहीं ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने के लिए दुनिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देना भी काफी जरूरी है और उसके लिए लिथियम, कॉपर, निकल, कोबाल्ट और कई दुर्लभ अर्थ एलिमेंट्स की पूरी दुनिया में एक सही तरीके से आपूर्ति किया जाना सबसे बड़ा चैलेंज बना हुआ है। ऐसे में यदि अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिती को सुधारने के लिए तालिबान वहां के भू संसाधनो का सही इस्तेमाल करे तो अफगानिस्तान काफी जल्द अमीर देशों की गिनती में आ सकते हैं। अभी तालिबान ने दूसरे देशों के साथ व्यापार करने का कोई मसौदा तैयार नहीं किया है और उसे अभी भी अफगानियों का विरोध झेलना पड़ रहा है। अफगानिस्तान ये बात पहले ही कह चुका है कि वहां लोकतंत्र नहीं बल्कि शरीया कानून लागू किया जाएगा। 

Afghanistan Construction

सोने के भंडार भी है यहां 

वैज्ञानिकों का दावा है कि अफगानिस्तान में आयरन,कॉपर,लीथियम के साथ साथ सोने के बड़े भंडार मौजूद हैं। वहीं यहां कई अन्य दुर्लभ किस्म के मिनरल्स भी मौजूद है जो मोबाइल,टेलिविजन,हाइब्रिड इंजन,कंप्यूटर और बैट्रियां बनाने के काफी काम आ सकते हैं। चीन और रूस जैसे देश तालिबानी हुकुमत को अपना समर्थन दे चुके हैं। कुछ अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकारों का मानना है ​कि चीन का तालिबान को समर्थन देने का मुख्य मकसद यहां के मिनरल्स के भंडारों पर अपना कब्जा जमाने से हो सकता है। 

Afghanistan Construction Lithium

भारत में मास मार्केट इलेक्ट्रिक कारों की है कमी

भारत में इस समय अफोर्डेबल इलेक्ट्रिक कार के तौर पर केवल टाटा नेक्सन ही मौजूद है जिसकी प्राइस भी 13.99 लाख रुपये से लेकर 16.85 लाख रुपये के बीच है। जल्द ही टाटा की ओर से यहां टिगॉर इलेक्ट्रिक सेडान भी लॉन्च की जाएगी जिसकी कीमत 10 से 12 लाख रुपये के बीच रखी जा सकती है। देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की तरफ लोगों का रुझान ना बढ़ने की वजह यहां सस्ती एंट्री लेवल इलेक्ट्रिक कार का ना होना भी है। हालांकि सरकार लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने पर बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और रजिस्ट्रेशन में छूट जैसे प्रयास भी कर रही है। वहीं कई नामी ब्रांड्स की ओर से यहां सस्ती इलेक्ट्रिक कारें उतारने की तैयारियां भी की जा रही है। 

पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक कारें सस्ती करा सकता है अफगानिस्तान, छिपा है ये खजाना
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