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कभी राजा महाराजाओं को भी पसंद थी Yezdi Bikes, जानिए कैसे भारत के गांव-गांव तक पहुंचती ये कंपनी

1981 में रिलीज हुई फारुख शेख की फिल्म चश्मे बद्ददूर से येज्दी बाइक को एक नया नाम ‘काली घोड़ी’ भी मिला और फिर भारत में ये काली घोड़ी के नाम से ही पहचानी जाने लगी।

एक समय था जब बाइकों की दुनिया में एक कहावत काफी मशहूर थी ‘Rajdoot for weak Guy, Bullet for Macho man and Yezdi for every Men’। आज 25 साल बाद फिर आइकॉनिक ब्रांड येज्दी ने इंडियन मार्केट में वापसी की है। 1981 में रिलीज हुई फारुख शेख की फिल्म चश्मे बद्ददूर से येज्दी बाइक को एक नया नाम ‘काली घोड़ी’ भी मिला और फिर भारत में ये काली घोड़ी के नाम से ही पहचानी जाने लगी। येज्दी का भारत में सफर काफी शानदार रहा और बाद में ये कंपनी यहां बंद भी हुई। तो चलिए अतीत में जाकर आपको बताते हैं ​इस ब्रांड के भारत में सफर की पूरी कहानी।

1929 में जावा के बैनर तले बनी थी येज्दी

Yezdi Roadking

पहली येज्दी बाइक को 1929 में चैक रिपब्लिक की जावा कंपनी ने तैयार किया था। इस कंपनी के भारत आने का सफर भी काफी रोचक है। मैसूर के राजा जयचामाराजेंद्र वाडियार और पारसी बिजनेसमैन रुस्तम ईरानी की जावा कंपनी को भारत लाने में बड़ी भूमिका रही है। 1960 में जावा भारतीय बाजार में उतरी और 1973 में इसका नाम बदलकर येज्दी रख दिया गया। तब ये कंपनी 51 लाख रुपये के निवेश के साथ शुरू की गई थी जिसमें अहम किरदार रूस्तम ईरानी का था। हालांकि 1950 में भारत सरकार ने कारें और बाइकों के इंपोर्ट पर रोक लगा रखी थी ताकि देसी ब्रांड्स को इसका फायदा दिया जा सके। मगर ईरानी की कंपनी और जावा के बीच करार होने से ये ब्रांड भारत में कामकाज कर सका। 

बाइक लवर मैसूर महाराज ने भी निभाई अहम भूमिका

jayachamarajendra wadiyar

मैसूर के राजा जयचामाराजेंद्र वाडियार एक बाइक लवर थे और उनका मानना था कि यदि जावा भारत में अपनी बाइकें बेचे तो ये यहां काफी हिट साबित हो सकती है। इसके लिए महाराजा ने कंपनी को अपनी 25 एकड़ जमीन भी दी और 1961 में जावा ने अपनी पहली बाइक Jawa 250-Type 353 उतारी। बस फिर जो हुआ वो इतिहास बन गया क्योंकि ये बाइक भारत में काफी पॉपुलर साबित हुई। 

Jawa 250-Type 353 के बाद कंपनी ने यहां Jawa 50, Jawa 50 Type 555 जैसे मॉडल्स को भी लॉन्च किया जो गांवो में काफी पॉपुलर साबित हुई। वहां दूधिए और किसानों ने इस बाइक को जमकर खरीदा। इसके बाद जावा ने Yezdi Jet 60 नाम से बाइक उतारी और फिर इस बाइक को टक्कर देने के लिए कोई दूसरी बाइक आई ही नहीं और इसके एकछत्र राज किया। येज्दी की ये बाइक यहां इतनी ज्यादा पॉपुलर हुई कि इसके बाजार में 18 मॉडल्स लॉन्च हुए। 

1973 तक तो येज्दी की बाइक जावा ही बना रही थी लेकिन उस साल जावा का लाइसेंस परमिट खत्म होने जा रहा था। ऐसे में बिजनेसमैन रूस्तम ईरानी ने कंपनी का लाइसेंस रिन्यु नहीं कराया बल्कि उन्होने येज्दी नाम से ही अपनी कंपनी शुरू कर दी। इसे भारत में येज्दी नाम से रजिस्टर कराया गया। येज्दी की भारत में पहली बाइक 250 सीसी सेगमेंट में उतारी गई। इसके लिए कंपनी ने नया स्लोगन भी बनाया ‘FOREVER BIKE FOREVER VALUE’। इसके बाद येज्दी की रोडकिंग,क्लासिक,डीलक्स और मोनार्क जैसी बाइकों ने युवाओं के बीच धूम मचा दी। उसी दौरान रॉयल एनफील्ड और राजदूत जैसी बाइकें येज्दी की बाइकों के आगे बेदम साबित हो रही थी। 

1996 में बंद हुई ये कंपनी

येज्दी की आखिरी बाइक 1996 में लॉन्च हुई थी और उस समय तक बाजार में बहुत ज्यादा परिवर्तन आ चुके थे। देश में कई अच्छा माइलेज देने वाली कम्यूटर बाइक्स की बाढ़ सी आने लगी थी। वहीं येज्दी की बाइकें बहुत ज्यादा पॉल्युशन भी फैला रही थी जिससे कई देशों ने अपने यहां कंपनी की बाइक्स को बैन कर दिया और इन सब कारणों के चलते इस कंपनी को भारत में अपना कामकाज समेटना पड़ा। 

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