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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने 1 फरवरी 2023 को संसद में आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट पेश किया था, जिसके बाद से बजट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और विपक्षी दल सरकार को घेरने में जुटा हैं जो कि एक मज़बूत लोकतंत्र के लिए बेहद जरुरी भी है। बहरहाल, बजट 2023 में वित्तमंत्री ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए भी कुछ बड़े ऐलान किए जो कि इस प्रकार हैं: –
- इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चलन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2019 में फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देकर इन्हें आम जनता के बीच लाने का प्रयास कर रही है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने इस साल के लिए फेम II योजना के लिए 5,172 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह राशी वित्त वर्ष 2022-23 में 2,908 करोड़ रुपये थी। हालांकि, इस योजना के विस्तार को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कोई जिक्र नहीं किया, जिसका मतलब है कि यह योजना मार्च 2024 में खत्म हो जाएगी।
- सब्सिडी के अतरिक्त, नए इलेक्ट्रिक वाहनों का आपकी जेब पर भार कम करने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयोग की जाने वाली लिथियम-आयन बैटरी बनाने के लिए आयत की जाने वाली चीजों पर आयात शुल्क (कस्टम ड्यूटी) में छूट दी है। जानकारों का मानना हैं कि इसके फलस्वरूप लिथियम-आयन बैटरी के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ईवी की निर्माण लागत में कमी आएगी।
- भारत सरकार वर्ष 2070 तक नेट जीरो कार्बन के लक्ष्य को लेकर चल रही है और हरित गतिशीलता के लिए सरकार के प्रयासों के रूप में, वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक पांच मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) हाइड्रोजन की उत्पादन क्षमता हासिल करना है। यह हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देगा जिससे पारम्परिक ईंधन पर हमारी निर्भरता कम होगी।
- बढ़ते वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए पिछले साल जारी की गई स्क्रैप पॉलिसी के तहत सरकार केंद्र के अधिन आने वाले पुराने वाहनों और एम्बुलेंस को नए वाहनों से बदलेगी। वित्तमंत्री ने संसद को बताया कि इसके लिए पर्याप्त राशी भी आवंटित की जा चुकी है। केंद्र इसमें राज्यों की भी मदद करेगा।
- वित्त मंत्रालय द्वारा इथाइल अल्कोहल से भी बेसिक कस्टम ड्यूटी हटा दी गई है। इससे इथेनॉल ब्लेंडिंग की सरकार की योजना को समर्थन मिलेगा और तेल आयात पर हमारी निर्भरता में कमी आएगी।
- यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी के अधीन आने वाले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 2.7 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) को 1.62 लाख करोड़ मिले हैं जो कि मौजूदा वित्त वर्ष के मुकाबले 21 प्रतिशत ज्यादा है।
इसके अलावा, जानकारों का मानना है कि नए टैक्स रिजीम से ग्राहकों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा बचेगा जिससे ऑटोमोबाइल सेल्स बढ़ सकती हैं। हालांकि, वैश्विक मंदी, कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतें इसे प्रभावित भी कर सकती हैं।