इसी साल मई 2016 में ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में भारत में बेची जाने वाली महिन्द्रा स्कोर्पियो, हुंडई इऑन, रेनो क्विड और मारुति सिलेरियो ने काफ़ी निराशाजनक प्रदर्शन किया था। ग्लोबल टेस्टिंग एजेंसी ने इन सभी कारों को ज़ीरो रेटिंग दी, और सभी कार निर्माताओं से अपनी गाड़ियों को सुरक्षित बनाने की अपील की। ‘Safer cars for India’ मुहिम के तहत, ग्लोबल एनकैप ने टाटा मोटर्स की कॉम्पैक्ट सिडान ज़ेस्ट को भी टेस्ट किया जिसके परिणाम काफ़ी चौकाने वाले हैं। 4 स्टार रेटिंग के साथ टाटा ज़ेस्ट अपने सेगमेंट की सबसे ज़्यादा सेफ्टी रेटिंग वाली कार बन चुकी है।
आपको बता दें की ग्लोबल सेफ्टी रेटिंग एजेंसी ने टाटा ज़ेस्ट के दो मॉडल टेस्ट किए – एक स्टेन्डर्ड मॉडल जो की बिना एयरबैग्स आता है और एक मॉडल जिसका स्ट्रक्चर कंपनी ने थोड़ा बेहतर किया गया और इसमे ऑप्शनल एयरबैग्स और चाइल्ड रिस्ट्रेन सिस्टम दिए गए। जहाँ गाड़ी के स्टेन्डर्ड मॉडल को ज़ीरो स्टार रेटिंग गयी, दूसरे मॉडल ने लगभग सभी मापदंडों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और 4 स्टार रेटिंग हांसिल की।
ग्लोबल एनकैप 2016 के परिणामों से उत्साहित होकर, टाटा मोटर्स ने ज़ेस्ट सिडान के सभी वेरिएंट्स का स्ट्रक्चर बेहतर करने का निर्णय लिया है।
टाटा ज़ेस्ट के क्रैश टेस्ट में प्रदर्शन पर ग्लोबल एनकैप के सेक्रेटरी जनरल डेविड वार्ड ने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार के एक प्रमुख कार निर्माता की कार सेफ्टी को लेकर प्रतिबद्धता को देखकर वो काफी उत्साहित हैं। वार्ड ने सभी कार निर्माताओं से भी पैसेंजर सेफ्टी को गंभीरता से लेने की अपील की और भारतीय ग्राहकों को भी सुरक्षित कारें ख़रीदने की सलाह दी।
वर्ष 2014 में लॉन्च हुई, टाटा ज़ेस्ट कंपनी की जेन-नेक्स्ट फिलोसॉफी पर आधारित पहली कार थी।कई एडवांस फ़ीचर्स, नए इंजन ऑप्शन्स और बेहतर परफॉरमेंस देने के बावजूद बहुत ज़्यादा संख्या में ग्राहकों को अपनी और आकर्षित नहीं कर पायी । हम उम्मीद करते हैं की 4 स्टार सेफ्टी रेटिंग के बाद लोगों में इस गाड़ी को लेकर एक पॉजिटिव सोच आएगी।