कंपनी के मौजूदा सीएनजी मॉडल्स की बिक्री अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर
मारुति सुजुकी के पोर्टफोलियो में इस समय सबसे ज्यादा सीएनजी प्रोडक्ट्स मौजूद हैं। कंपनी के सीएनजी मॉडल्स में वैगन आर,ऑल्टो,एस प्रेसो,इको और अर्टिगा शामिल है। अब मारुति नई सिलेरियो,ब्रेजा,स्विफ्ट और डिजायर के सीएनजी मॉडल्स उतारने की प्लानिंग कर रही है। मारुति भविष्य के लिए सीएनजी को वैकल्पिक ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने की दिशा में काम कर रही है। वहीं सीएनजी कारों की डिमांड बढ़ने के कारण भी कंपनी अपने दूसरे नॉन सीएनजी मॉडल्स के ये नए वर्जन उतारने की तैयारी में जुट गई है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में मारुति ने 1.62 लाख सीएनजी कारों की बिक्री की है। 2021-22 के आखिर तक कंपनी का लक्षय देशभर में करीब 3 लाख सीएनजी कारें बेचने का है।
एक रिपोर्ट की मानें तो मारुति सुजुकी अपने नेक्सा रेंज की कारों के सीएनजी मॉडल्स बाजार में उतारने की प्लानिंग कर रही है। कंपनी अपनी प्रीमियम नेक्सा चेन ऑफ डीलरशिप्स के जरिए बलेनो,एक्सएल6,एस क्रॉस,सियाज और इग्निस बेच रही है। कंपनी जल्द लॉन्च होने जा रही बलेनो के फेसलिफ्ट मॉडल का फैक्ट्री फिटेड सीएनजी वर्जन मार्केट में उतार सकती है।
बढ़ती फ्यूल प्राइस के कारण अचानक से सीएनजी मॉडल्स की डिमांड बढ़ी
सीएनजी कारों की अचानक से बढ़ती डिमांड के पीछे सबसे बड़ा कारण फ्यूल प्राइस में बेतहाशा उछाल को माना जा सकता है। इसके अलावा सरकार भी अब पूरे देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है। अभी देश के करीब 293 लोकेशंस पर सीएनजी गैस उपलब्ध है और दिनों दिन फिलिंग स्टेशंस की संख्या बढ़ रही है। भारत में अभी करीब 3300 सीएनजी फिलिंश स्टेशंस मौजूद हैं और अगले एक साल के अंदर इनकी संख्या बढ़कर 8700 होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि 2025 तक देश में 10,000 से ज्यादा सीएनजी फिलिंग स्टेशंस होंगे।
डीजल इंजन का विकल्प बन सकते हैं सीएनजी वर्जन
मारुति सुजुकी ने पूरी तरह से डीजल इंजन वाली कारें बनाना बंद कर दिया है क्योंकि अब पेट्रोल और डीजल इंजन वाली कारों के बीच मामूली सा प्राइस गैप हो गया है। ऐसे में सेल्स में सुधार के लिए कंपनी ज्यादा से ज्यादा सीएनजी मॉडल्स तैयार करेगी। इसके अलावा सरकार की क्लीन एमिशन नॉर्म्स को अपनाने की शर्तों को भी बाकी कंपनियों की तरह मारुति को भी पूरा करना है। ऐसे में मारुति का मानना है कि आने वाले समय में डीजल इंजन वाली कारों से ज्यादा देश में सीएनजी मॉडल्स ज्यादा बिकेंगे।