पहाड़ जितने खूबसूरत दिखाई देते हैं उतने ही उनमें अंजान खतरे भी निवास करते हैं ऐसे में आपको यहां कार ड्राइविंग से जुड़े कुछ जरूरी टिप्स के बारे में पता होना ही चाहिए।
देश में कोरोना महामारी की कम होती रफ्तार और लगभग सभी जगहों पर अनलॉक होने के चलते अब बड़ी संख्या में लोग घूमने फिरने के लिए अब पहाड़ों की ओर रूख कर रहे हैं। मगर काफी लोग पहाड़ों में अपना व्हीकल लेकर पहुंच तो जाते हैं मगर यहां मंझे से मंझे ड्राइवर भी धोखा खा जाते हैं नतीजतन फिर वो हादसों का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में यदि आप किसी पहाड़ी इलाके में अपनी कार से घुमने जाने का विचार कर रहे हैं तो फिर आपको ये आर्टिकल जरूर पढ़ लेना चाहिए।
तुरंत अपनी कार सर्विस कराएं
हम जब भी पहाड़ों पर अपनी का लेकर घुमने जाते हैं तो व्हीकल के पार्ट्स पर एक्सट्रा दबाव पड़ता है। ऐसे घुमने निकलने से पहले आप एक बार अपनी कार को सर्विस जरूर करा लें। या आपने कुछ समय पहले ही सर्विस कराई हो तो एक बार मैकेनिक के पास जाकर गाड़ी को अच्छे से चैक करा लें। इस दौरान गाड़ी के ब्रेक्स,एचवीएसी,विंडशील्ड वायपर्स,बैट्री और एग्जॉस्ट सिस्टम को चैक कराना काफी जरूरी हो जाता है। ये भी ध्यान रहे कि आपके स्पेयर व्हील समेत गाड़ी के चारों टायरों में मैन्युफैक्चरर द्वारा बताए गए स्टैंडर्ड के अनुसार हवा भरी हुई हो। यदि व्यवस्था हो जाए तो जैरिकेन में कुछ एक्सट्रा ऑइल भी भरवा लें।
गाड़ी में फ्यूल की कमी ना होने दें
पहाड़ों पर फ्यूल स्टेशंस काफी कम होते हैं ऐसे में आप पहले से ही अपनी गाड़ी के फ्यूल टैंक को फुल करा लें। इसके अलावा पहाड़ों के घुमावदार और उंचे नीचे रास्तों पर फ्यूल की खपत भी ज्यादा होती है। इस बात का भी ख्याल रहे कि आप जिस भी इलाके में घुमने निकल रहे हैं वहां उपलब्ध पेट्रोल पंप्स की जानकारी इंटरनेट से पहले ही ले लें।
ब्रेकिंग के दौरान इन बातों का रखें खास ख्याल
ढलानभरे पहाड़ी रास्तों पर अक्सर ड्राइवर को ब्रेक्स का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे उनपर काफी प्रेशर बनता है। ऐसे में ब्रेक लगाते वक्त पांव थोड़ा हल्का ही रखें। पहाड़ी रास्तों पर काफी सारे रोड साइन होते हैं और जहां ब्रेक लगाने की आवश्यकता होती है उससे पहले ही आपको आगाह कर दिया जाता है। ऐसे में आप ब्रेक पहले से ही लगाना शुरू कर दें जिससे कि उसपर भी दबाव कम हो जाएगा। साथ ही ढलानों पर आप जितने नीचे के गियरों पर चलेंगे उतना ही फिर ब्रेक्स पर से प्रेशर भी कम होगा। हालांकि चढ़ाई चढ़ते समय आप उपर वाले गियरों पर ही रहें।
कार के टेंपरेचर गेज पर भी रखें ध्यान
पहाड़ चढ़ते समय गाड़ी का इंजन काफी जल्दी गर्म होता है। इस दौरान कार के टेंपरेचर गेज पर भी नजरें गढ़ाए रखें या इस बात के लिए अपने को पैसेंजर से मदद लें। इसी दौरान यदि आप अपनी कार के एसी को बंद रखें और बिना आवश्यकता के गाड़ी को एक्सलरेट ना करें तो भी इंजन जल्दी से गर्म नहीं होगा। वहीं कुछ मैकेनिक्स ये भी कहते हैं कि पहाड़ों पर हर 40 से 50 किलोमीटर की यात्रा के बाद कार को करीब आधा घंटा रोककर उसके इंजन को ठंडा रखा जा सकता है।
ओवरटेकिंग, स्पीड पर कंट्रोल रखें
पहाड़ों में गाड़ी ड्राइव करना किसी कला से कम नहीं है। यहां ओवरटेकिंग जैसा काम करना इतना आसान नहीं है जितना कि आप दूसरे ड्राइवर्स को करते हुए देखते हैं। काफी सालों तक पहाड़ो में ड्राइव करने के बाद ही ओवरटेकिंग जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। यदि आपको पहाड़ों में ड्राइविंग का ज्यादा अनुभव नहीं है तो ओवरटेकिंग जैसे कदन ना ही उठाएं तो बेहतर है। यदि आप चढ़ाई चढ़ रहे हैं तो फिर इस काम को काफी सावधानीपूर्वक करें क्योंकि पहाड़ से नीचे उतर रहे व्हीकल की स्पीड आपके व्हीकल से ज्यादा तेज होती है। वहीं यदि कोई मोड़ आने वाला हो तो इस दौरान तो बिल्कुल आगे चल रहे किसी अन्य व्हीकल को ओवरटेक करने का प्रयास ना करें। साथ ही जब तक आप अपनी कार अपनी ही लेन में ड्राइव करते रहेंगे तब तक आप पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे। लेन से भटकने के बाद आपके साथ क्या कुछ हो सकता है इसका अंदाजा लगाने से पहले ही आप किसी बड़ी घटना का शिकार हो सकते हैं।
पहाड़ी रास्तों में काफी खतरनाक मोड़ भी होते हैं जिनका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं ऐसे में इन मोड़ों पर से निकलने से पहले ही गाड़ी सही गियर में रखें और स्पीड पर कंट्रोल भी रखना बेहद जरूरी है।
बर्फ से ढके रास्तों पर बरतें सावधानी
यदि आपकी कार में All-Wheel-Drive सिस्टम नहीं है तो आपको बर्फ से ढके रास्तों पर कार चलाने से बचना ही चाहिए। ऐसे रास्ते काफी खराब होते हैं जहां अचानक से ब्रेक लगाने पर आपकी कार फिसल सकती है और खाई में भी गिर सकती है। ऐसे में AWD System ना हो तो Snow Chains का इस्तेमाल करें। साथ ही आगे चल रहे व्हीकल से भी उचित दूरी बनाकर चलें।