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सरकार ने कहा, टेस्ला को भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए लोकल पार्ट की सोर्सिंग की जरूरत नहीं

भारत सरकार का टेस्ला को जवाब

भारत सरकार ने टेस्ला को साफ कह दिया है कि अगर वो भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाती है तो उसे इलेक्ट्रिक कारें बनाने के लिए लोकल पार्ट की सोर्सिंग नहीं करनी होगी

अमेरिकी कंपनी टेस्ला के मामले में सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने कंपनी को साफ कह दिया है कि इलेक्ट्रिक कारें बनाने वाली यह कंपनी अगर भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाती है तो उसे लोकल पार्ट की सोर्सिंग नहीं करनी होगी। टेस्ला के फाउंडर एलन मस्क ने पहले यह आशंका जताई थी कि अगर उनकी कंपनी भारत में मैन्युफैक्चरिंग करती है तो उसे कुछ हद तक लोकल कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करना होगा। यह सब बातें एक ट्वीट से साफ हुई हैं। और पढ़ें – टेस्ला की इलेक्ट्रिक सेडान मॉडल 3 कार जल्द भारत में लॉन्च होगी

कंपनी का यह खबर देते हुए कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने अपने ‘मेक इन इंडिया’ ट्विटर हैंडल के जरिए कहा कि फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) पॉलिसी में मैन्युफैक्चरर्स के लिए कंपोनेंट्स की कोई न्यूनतम सोर्सिंग अनिवार्य नहीं है। पॉलिसी के तहत, एक विदेशी इनवेस्टर्स को भारत में मैन्युफैक्चरिंग के बाद अपने प्रॉडक्ट्स किसी भी जरिए- होलसेल, रिटेल या ई-कॉमर्स से बेचने की अनुमति है। इससे पहले मस्क ने अपनी ट्वीट में कहा था, ‘शायद मेरी जानकारी गलत हो सकती है, लेकिन मुझे बताया गया है कि 30 पर्सेंट कंपोनेंट्स की लोकल सोर्सिंग जरूरी है और भारत में अभी इलेक्ट्रिक कारों के लिए पार्ट्स की सप्लाई उपलब्ध नहीं है।

आपको बता दें कि टेस्ला ने पिछले साल अप्रैल में कहा था कि वह 2017 में भारत में अपने मॉडल 3 के साथ प्रवेश करने की योजना बना रही है। इसके बाद रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्टर नितिन गडकरी ने पिछले वर्ष टेस्ला के प्लांट के विजिट के दौरान कंपनी को भारत में बंदरगाहों के निकट जमीन देने की पेशकश की थी जिससे वह दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में एक्सपोर्ट कर सके। गडकरी ने टेस्ला से भारत को उसका एशिया में मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए भी कहा था। उसी समय से कहा जा रहा है कि टेस्ला अपने लोकट पार्ट कहां से लाएगी।

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