एक रिपोर्ट की मानें तो देश की ऑटो इंडस्ट्री के इस साल रफ्तार पकड़ने के आसार नजर आ रहे हैं। रॉ मेटेरियल सस्ता होने से इस साल कारों की बिक्री बढ़ने का अनुमान है। वहीं कंपनियां अपनी ओर से कस्टमर्स को आकर्षक डिस्काउंट ऑफर्स की पेशकश भी कर सकती है। इसके साथ ही कारों के प्रोडक्शन में भी तेजी आएगी जिससे लंबा वेटिंग पीरियड कुछ हद तक कम हो सकता है।
स्टील, एल्युमिनियम, कॉपर, पैलेडियम के दाम गिरने से कम होगी इनपुट कॉस्ट
मेटल | मार्च 2022 | मई 2022 | दामों में गिरावट का प्रतिशत |
स्टील | 77,000 | 70,000 | 9.1% |
एल्युमिनियम | 2,73,255 | 2,21,072 | 19.1% |
निकल | 26,50,058 | 21,92,211 | 17.3 % |
कॉपर | 7,99,179 | 7,32,470 | 8.3% |
कीमत: रुपये प्रति टन के अनुसार
बता दें कि पिछले तीन साल से दुनियाभर की ऑटो इंडस्ट्री कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन,सेमी कंडक्टर चिप्स की शॉर्टेज,रॉ मेटेरियल के बढ़ते दाम,फ्यूल प्राइस में बढ़ोतरी और ऑटो पार्ट्स सप्लाय चेन की बिगड़ती व्यवस्था जैसी परेशानियों का सामना करती आई है। हालांकि हाल ही में स्टील, एल्युमिनियम, कॉपर, पैलेडियम जैसे मेटल्स की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत की कमी आई है जिससे व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग की इनपुट कॉस्ट कम हो जाएगी। नतीजतन ऑटो मैन्युफैक्चरर्स अपने व्हीकल्स के दाम गिरा सकते हैं या फिर कस्टमर्स को आकर्षक डिस्काउंट्स की पेशकश कर सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि एक कार को तैयार करने में 70 प्रतिशत तक मेटल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में मेटल के दाम घटने का सीधा असर कार की इनपुट कॉस्ट पर पड़ेगा।
सेमी कंडक्टर चिप्स की शॉर्टेज काफी हद तक हुई दूर
रिपोर्ट्स की मानें तो दुनियाभर मेंं सेमी कंडक्टर चिप्स की शॉर्टेज भी अब काफी हद दूर होने लगी है जिससे कारों के प्रोडक्शन में अब कोई बाधा नहीं आएगी। हालांकि मारुति,हुंडई,महिंद्रा और टाटा जैसी टॉप कंपनियां के पास कार डिलीवरी का अच्छा खासा बैकलॉग चल रहा है। हाल ही में सामने आए आंकड़ों को देखें तो मारुति को 3,15,000 कारों की डिलीवरी करनी है जबकि हुंडई के पास 1,35,000 यूनिट्स,महिंद्रा के पास 1,15,000 यूनिट्स तो टाटा के पास 50,000 यूनिट्स के करीब पेंडेंसी चल रही है। कुल मिलाकर देश में 6 लाख कारों का बैकलॉग है और इसे देखते हुए ये तो बिल्कुल नहीं कहा जा सकता है कि कंपनियोंं के पास कारों की डिमांड में कोई कमी है। दूसरी तरह पेट्रोल डीजल की प्राइस में कमी आने से एकबार फिर कस्टमर नई कारें खरीदने का विचार करने लगे हैं और इन सभी चीजों को देखकर इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स अंदाजा लगा रहे हैं कि ऑटो सेक्टर के एक बार फिर से अच्छे दिन आने वाले हैं।
एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में मारुति सुजुकी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव ने इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा है कि पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री के लिहाज से इंडस्ट्री के लिए ये साल सकारात्मक मायनों में काफी महतवपूर्ण रहने वाला है। उन्होनें कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के 32.8 लाख कारों की बिक्री के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस साल 33.5-35.5 लाख कारें बिक सकती हैं। मगर श्रीवास्तव ने ये भी कहा है कि कारों के सस्ते होने के आसार काफी कम हैं।