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अब पेट्रोल-डीजल से नही, व्हिस्की से चलेंगी कारें

Whiskey Fuel Car

यूनाइटेड किंगडम के एक स्टार्टअप सेल्टिक रिन्यूएबल्स ने ऐसी पहली कार की टेस्ट ड्राइव की जो व्हिस्की के वेस्ट म​टरीयल से चलती हो.

आए दिन पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों की बढ़ने की वजह से आप अपनी कार को चलाने से भी कतराते है। लोगों को ये चिंता भी सता रही है कि ये दाम और भी बढ़ते चले जाएंगे। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो अब टेंशन छोड़ दीजिए। जी हां पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी अब आपका कुछ बिगड़ नहीं पाएगी, क्योंकि अब आपकी कार व्हिस्की पर चलेगी।

दरअसल हाल में ही यूनाइटेड किंगडम के एक स्टार्टअप सेल्टिक रिन्यूएबल्स ने ऐसी पहली कार की टेस्ट ड्राइव की जो व्हिस्की के वेस्ट मटरीयल से चलती हो और उनका यह टेस्ट सफल भी हुआ। इसलिए पूरी दुनिया में अब यह चर्चा हो रही है कि क्या अब पेट्रोल—डीजल के अलावा व्हिस्की से भी कार चलेंगी। इस विक्लप के लिए ब्रिटिश सरकार ईंधन के वैकल्पिक स्त्रोतों को बढ़ावा देने के लिए 2.5 करोड़ पाउंड का अनुदान दे रही है।

Car runs on whiskey fuel

इतना ही नहीं विस्की के बाई प्रॉडक्ट से ईंधन बनाने के लिए एडिनबर्ग की सेल्टिक रीन्यूएबल्स को 1.1 करोड़ पाउंड दिए गए हैं। कंपनी ने स्कॉटलैंड में ऐसी तीन कंपनियां स्थापित करने की योजना बनाई है। अगर सब ठीक रहा तो वैकल्पिक ईंधन की इस तकनीकि से स्कॉटलैंड के विस्की कारोबार को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। यही नहीं, विस्की से बनने जा रहे ईंधन की खास बात यह भी होगी कि इससे हानिकारक गैसों के वातावरण से छुटकारा मिल सकेगा।

विस्की के उत्पादन वाले देश अब ज्यादा मात्रा में अवशेष बचाने की कोशिश करेंगे और उसे ईंधन में तबदील कर के कार चलाएंगे। जानकारी के लिए बता दे की स्टार्टअप ने एक ऐसी प्रकिर्या विकसित की है जिसके कारण व्हिस्की से बचे हुए अवशेष से जैविक ईंधन बायोब्यूटानोल बनाया जा सकेगा लगाए अनुमान के मुताबिक यह सामने आया है की स्कॉटलैंड में मौजूदा कच्चे माल से हर साल 5 करोड़ लीटर जैविक ईंधन बनाया जा सकता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा व्हिस्की एक्सपोर्टर है । इसलिए यहां पर भी बड़े पैमाने पर बायोब्यूटानोल बनाया जा सकता है। मौजूदा हालात में पूरी दुनिया में चलने वाले वाहन पेट्रोल और डीजल से चलते हैं। हालांकि अब कुछ हाइब्रिड वाहन जो इलेक्ट्रिक हैं वह भी लॉन्च किए जा रहे हैंं। भारत में भी 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन चलने लगेंगे। भारत में कुछ सिलेक्टिव वाहन पेट्रोल और डीजल के अलावा लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (LPG) और कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) से भी चलते हैं। लेकिन पेट्रोल और डीजल की तरह वह हर जगह उपलब्ध नहीं हो सकते।

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