कारें और बाइक सस्ती होने की उम्मीदें खत्म, इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट पर ज्यादा फोकस
आज देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 का बजट पेश किया है। इस बजट में ऑटो इंडस्ट्री को कोई बड़ी राहत नहीं दी गई है। वहीं नई कार खरीदने का सपना देखने वालों के लिए भी इस बजट में कारें सस्ती होने का ऐलान नहीं किया गया है। हालांकि इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट के लिए सरकार ने बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी लाने का ऐलान किया है जिससे देश में ईवी मोबिलिटी में एक नई क्रांति आ सकती है। इस बजट में ऑटो इंडस्ट्री के लिए क्या कुछ हुई नई घोषणा इस बारे में सिलसिलेवार डालिए एक नजर:
2-व्हीलर और 4-व्हीलर की घटती सेल्स को देखते हुए भी कोई नई घोषणा नहीं
कोविड महामारी के कारण पिछले दो साल का वक्त देश की ऑटो इंडस्ट्री के लिए काफी मुश्किल रहा है। आंकड़ो को देखें तो 2020 में गाड़ियों की बिक्री 18 प्रतिशत तक घटी तो वहीं 2021 में इसमें 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। व्हीकल्स की बिक्री घटने के अलावा इंडस्ट्री को सेमी कंडक्टर चिप्स की शॉर्टेज की भी दोहरी मार पड़ी।
यूज्ड कारों पर जीएसटी में कोई कटौती नहीं
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन को इस बजट से उम्मीद थी सरकार यूज्ड कारों पर जीएसटी की दर को घटाएगी। हालांकि राहत की खबर ये है कि कोविड महामारी के बीच यूज्ड कारों की डिमांड बढ़ी है। मगर सब 4 मीटर पर कारों पर 12 प्रतिशत जीएसटी और इससे लंबी कारों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाई जा रही है। फाडा का कहना है कि जीएसटी की रेट यूनिफॉर्म होनी चाहिए जो कि 5 प्रतिशत तक कर दी जानी चाहिए।
2-व्हीलर्स से भी जीएसटी घटाने की नहीं हुई घोषणा
इस समय सरकार 2-व्हीलर्स पर 28 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है। साथ ही इनपर 3 प्रतिशत सेस भी वसूला जाता है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन का मानना है कि 2-व्हीलर एक आम आदमी की सवारी जिसपर वो अपने रोजाना के काम निपटाता है और आज भी भारत में एक बड़ा तबका 2-व्हीलर्स का ही इस्तेमाल करता है। फाडा ने सरकार से 2-व्हीलर्स पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने की मांग की थी मगर इस बजट में इसे लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ
ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी नहीं घटाई
इस बजट में ऑटो पार्ट्स पर भी जीएसटी घटाने का कोई ऐलान नहीं किया गया। ऐसे में इस साल तो कारें सस्ती होने का सवाल ही नहीं उठता है। मौजूदा दौर में ऑटो पार्ट्स पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाई जा रही है। ऑटो मैन्युफैक्चरर्स का कहना था कि सरकार को इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपोनेंट्स पर यूनिफॉर्म 18 प्रतिशत जीएसटी कर देनी चाहिए जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को और भी ज्यादा अफोर्डेबल बनाया जा सके।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को सस्ता करने पर भी कोई ऐलान नहीं
भारत सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी जैसी योजना तो ला चुकी है मगर ये व्हीकल्स अब भी कई लोगों के बजट के बाहर हो रहे हैं। इस बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को सस्ता किए जाने की घोषणा की उम्मीद थी मगर वित्त मंत्री ने इसे लेकर कोई ऐलान नहीं किया।
बैट्री स्वेपिंग पॉलिसी
इस बजट में बैट्री स्वेपिंग लाए जाने को एक बड़ी घोषणा माना जा रहा है। इससे इलेक्ट्रिक कारें और 2-व्हीलर काफी सस्ते हो सकते है। बैट्री स्वेपिंग का मतलब ये है कि मान लीजिए आपकी ईवी की बैट्री खत्म होने वाली है तो आप किसी भी सेंटर पर जाकर पूरी तरह से चार्ज्ड बैट्री ले सकेंगे और अपनी डिस्चार्ज बैट्री को सेंटर पर जमा करा सकेंगे। इसका बड़ा फायदा ये है कि रिमूवेबल बैट्री व्हीकल्स की प्राइस में बैट्री को पर्चेज कॉस्ट में शामिल ना करते हुए ऑपरेशनल कॉस्ट में रखा जाएगा जिससे व्हीकल्स ज्यादा सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा बैट्री को चार्ज कराने में लगने वाले ज्यादा टाइम से भी राहत मिलेगी। आप बैट्री स्वेप कराकर तुरंत वापस अपनी यात्रा शुरू कर सकेंगे।
बैट्रियों की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगी सरकार
भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दिशा में बेहतरी के लिए सरकार बैट्रियों की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगी। इसके लिए सरकार प्राइवेट सेक्टर को वित्तिय सहायता भी देगी। वहीं सेमी कंडक्टर की शॉर्टेज से निपटने के लिए भी सरकार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोलेगी जिससे व्हीकल्स के वेटिंग पीरियड में तो कमी आएगी ही साथ ही व्हीकल्स पहले से ज्यादा सस्ते होंगे।