जर्मनी की मशहूर कार कंपनी फॉक्सवैगन नई माइल्ड-हाइब्रिड सिस्टम पर काम कर रही है जिसे छोटी कारों के लिए तैयार किया जा रहा है। इस हाइब्रिड सिस्टम की मदद से कार में लगे पेट्रोल इंजन की फ्यूल एफिशिएंसी में सुधार होगा। इस नई तकनीक में एक नया 48 वोल्ट का इलेक्ट्रिकल सिस्टम और बूस्टेड बैटरी भी लगाया गया है।
इस तकनीक की मदद से ‘डीज़गेट स्कैंडल’ के बाद उबरने की कोशिश में लगी इस कंपनी को मदद भी मिल सकती है। इस सिस्टम के इस्तेमाल और फ्यूल एफिशिएंसी में सुधार कंपनी की छवि को ठीक करने में मददगार साबित हो सकता है। भारत में माइल्ड-हाइब्रिड कारों को FAME के तहत रखा जाता है और भारत सरकार ऐसी कारों को सब्सिडी भी देती है।
नई हाइब्रिड तकनीक के बारे में बात करते हुए फॉक्सवगैन के डेवलपमेंट हेड ने कहा, ’48-वोल्ट माइल्ड-हाइब्रिड सिस्टम को पोलो और गोल्फ जैसी गाडियों में लगाया जाएगा। इस सिस्टम में स्टार्ट/स्टॉप बटन लगा होगा। इसकी मदद से कार की फ्यूल एफिशिएंसी में सुधार होगा।’
खबरों के मुताबिक फॉक्सवैगन का नया हाइब्रिड सिस्टम अगले साल नेक्स्ट-जेनेरेशन फॉक्सवैगन पोलो के साथ बाज़ार में कदम रखेगा। नेक्स्ट-जेनेरेशन फॉक्सवगैन पोलो को 2017 के अंत तक लॉन्च किया जाएगा। नई पोलो को कंपनी के MQB A0 प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है। नई पोलो में कई बदलाव किए गए हैं।
फॉक्सवैगन पोलो हाइब्रिड भारत में भी दस्तक दे सकती है। हालांकि, इस बारे में कंपनी ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।