इंडियन ब्रांड महिंद्रा एंड महिंद्रा अब एक नई स्ट्रैटिजी के तहत भारतीय बाजार में खुद को नए कलेवर में पेश करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कंपनी ने नया प्रोडक्ट प्लान भी बनाया है जिसके तहत आने वाले 5 सालों के अंदर 12 नई एसयूवी कारें लॉन्च की जाएंगी।
साल 2002 में महिंद्रा ने स्कॉर्पियो कार को लॉन्च कर एसयूवी सेगमेंंट में जैसे एक नई क्रांति ही ला दी थी। इस कार को लोगों का इतना प्यार मिला कि वो आज भी बदस्तूर जारी है। मगर स्कॉर्पियो और बोलेरो जैसी कारों की वजह से महिंद्रा की ब्रांड इमेज एक रूरल कारमेकर की बनकर रह गई जिसका इसे कहीं ना कहीं नुकसान भी हुआ। दूसरी तरफ कंपनी की कारें वाकई ग्रामीण इलाकों में बहुत ही ज्यादा हिट हुई और आज भी देश के गांवों में पावरफुल कारों के विकल्प के तौर पर महिंद्रा की गाड़ियों की ओर देखा जाता है। ऐसा नहीं है कि शहरों में महिंद्रा एसयूवी कारों को पसंद नहीं किया गया। मगर शहरी लोग कार खरीदते वक्त परफॉर्मेंस के साथ साथ कंफर्ट,फीचर्स और ऐसे कई फैक्टर्स देखते हैं जिसमें कहीं ना कहीं महिंद्रा की स्कॉर्पियो और बोलेरो एसयूवी मात खा गई। मगर अब महिंद्रा ने कई मोर्चों पर बदलाव करने की प्लानिंग की है जिसके नतीजे इसके फ्यूचर प्रोडक्ट्स में भी देखने को मिलेंगे। आने वाले सालों में भारतीय बाजार में कंपनी की ओर से 12 एसयूवी कारें लॉन्च की जाएंगी। डिजाइन फीचर्स और इंजन जैसे तमाम मोर्चों पर कंपनी अब कुछ नई चीजें विकसित कर रही है। चलिए इस एसयूवी स्पेशलिस्ट की नई स्ट्रैटिजी की कुछ प्रमुख बातों पर डालते हैं एक नजर:
पार्टनरशिप्स को कहा गुडबाय
महिंद्रा ने इंटरनेशनल लेवल पर अपने प्रोडक्ट्स के दम पर काफी नाम कमाया जिसके बाद उसे कुछ दूसरी विशेषज्ञ कंपनियों की भी जरूरत पड़ी। कंपनी को सबसे ज्यादा नुकसान SsangYong का अधिग्रहण करके हुआ और अब हालात ये है कि उस कंपनी की कस्टडी साउथ कोरियन कोर्ट के पास चली गई है। हाल ही में महिंद्रा ने फोर्ड कंपनी को भी खुद से अलग कर लिया है और अब ये कंपनी हर काम खुद के बलबूते ही करना चाहती है। इस बारे में महिंद्रा के थिंक टैंक का मानना है कि खुद के ही संसाधन तैयार करने से काम तेजी से चलेगा और दूसरों पर निर्भरता कम होगी।
इलेक्ट्रिक सेगमेंट में भी बड़े निवेश को तैयार है कंपनी
अगले तीन सालों के लिए कंपनी के पास एसयूवी और ट्रैक्टर्स तैयार करने के लिए 9000 करोड़ रुपये की पूंजि है। वहीं इलेक्ट्रिक सेगमेंट के व्हीकल तैयार करने के लिए कंपनी के पास अतिरिक्त 3000 करोड़ के फंड्स भी रखे हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि महिंद्रा को आने वाले पांच सालों के लिए इंजन टेक्नोलॉजी में निवेश करने की जरूरत ही नहीं है। कंपनी अपने फ्यूचर प्रोडक्ट्स के लिए 1.2 लीटर से लेकर 2.2 लीटर कैपेसिटी वाले इंजन किसी भी वक्त तैयार करने में सक्षम है। इसी के साथ महिंद्रा को इंफोटेनमेंट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के लिए भी कोई निवेश करने की जरूरत नहीं है। कंपनी पहले ही ‘स्मार्ट कोर’ सिस्टम तैयार कर चुकी है जो कि अपकमिंग एक्सयूवी700 में नजर आएगा। वहीं अब अपकमिंग महिंद्रा कारों में एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम भी दिया जाएगा।
इसके अलावा महिंद्रा अब अपने मराजो और केयूवी100 जैसे नॉन परफॉर्मिंग प्रोडक्ट्स को भी बंद करने पर विचार कर रही है। मगर अभी एक ताजा रिपोर्ट में ही कहा गया है कि कंपनी इन कारों को आने वाले कुछ महीनों के अंदर अपग्रेड करेगी।
डिजाइन में दिखेंगे नए बदलाव
डिजाइन और स्टाइलिंग के मामले में महिंद्रा की अप्रोच पिछले कुछ सालों में ज्यादा अच्छी नहीं रही है। इसे लेकर भी अब कंपनी काफी गंभीर है और कुछ नए प्रयोग करने के लिए तैयार है। हाल ही में ऐसी खबरे सामने आई थी कि टाटा मोटर्स के चीफ डिजाइनर रह चुके प्रताप बोस ने महिंद्रा का दामन थाम लिया है। बोस टाटा की नेक्सन,हैरियर,अल्ट्रोज और सफारी जैसी मॉर्डन कारों को डिजाइन कर चुके हैं। इसी के साथ ही कंपनी ने Mahindra Automotive Design Europe (M.A.D.E) नाम का डिजाइन स्टूडियो तैयार करने की भी घोषणा की है जिसे यूके में स्थापित किया जाएगा। हाल ही में महिंद्रा और जीप के बीच थार एसयूवी के डिजाइन को लेकर कानूनी विवाद हो गया था जहां महिंद्रा पर जीप की रैंगलर एसयूवी को कॉपी करने का आरोप लगाया गया है।
कंपनी के पाइपलाइन में कौन कौनसे हैं प्रोडक्ट्स
महिंद्रा अगले पांच साल में 12 एसयूवी कारें लॉन्च करेगी जिनकी कीमत 10 से 20 लाख रुपये के बीच होगी। इन प्रोडक्ट्स में से जिन कारों की जानकारी बाहर आ चुकी है उनमें एक्सयूवी700,मिड साइज एसयूवी एक्सयूवी500,एक्सयूवी900 कूपे एसयूवी शामिल है।