टाटा Safari Gold Price
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इन 5 फैक्टर्स ने टाटा को बनाया देश की दूसरी सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरर, हुंडई को छोड़ चुकी है पीछे

अब आगे ये देखना दिलचस्प रहेगा कि  टाटा लगातार नंबर 2 के स्पॉट पर कितने समय तक कायम रहती है।

कोरोना जैसी महामारी के बीच भी अगर इंडियन ऑटो इंडस्ट्री में किसी कंपनी ने कुछ तरक्की की है तो वो टाटा मोटर्स है। अपनी प्रोडक्ट स्ट्रेटिजी के चलते इस कंपनी ने इस काल में इंडियन कस्टमर्स के बीच जो छाप छोड़ी है वो उसको अब मिल रहे आंकड़े बता रहे है। हाल ही में टाटा ने कार बेचने के मामले में हुंडई मोटर्स को पछाड़ा है और इंडियन मार्केट में ऐसे बड़े बदलाव यूं ही नहीं होते हैं। दिसंबर 2021 में टाटा ने 35,300 यूनिट्स कारें बेची और भले ही थोड़े कम मार्जिन से,मगर ये हुंडई से आगे रही। आखिर क्या वजह रही 10 साल बाद ऐसे इतिहास रचने के बीच ये आप जानेंगे आगे:

1.लोगों की पसंद को भांपा

Tata Nexon 2021

अब ये जगजाहिर हो चुका है कि भारत में लोग एसयूवी कैटेगरी की कारों को काफी ज्यादा पसंद करने लगे हैं। लिहाजा टाटा ने एसयूवी जैसी दिखने वाली एक हैचबैक पंच को लॉन्च किया। अब ये कार बलेनो जैसी पॉपुलर प्रीमियम हैचबैक कारों को कड़ी टक्कर दे रही है। टाटा की पंच के आंकड़ो को एकबारगी साइड में रख भी दें तो भी उसकी टियागो और अल्ट्रोज ने टॉप 10 हैचबैक कारों की लिस्ट में अपनी जगह बनाई है। 

2. फीचर्स

अब टाटा की कारें केवल फिट और फिनिशंग तक ही सीमित नहीं रहने लगी हैं बल्कि अपनी एंट्री लेवल कारों में भी अच्छे फीचर्स देने लगी है। सबसे अच्छी बात ये है कि टाटा की कारों में मिलने वाले सभी फीचर्स काम के होते हैं ना कि कोई शो पीस। कंपनी की अल्ट्रोज,नेक्सन जैसी कारों तक में हार्मन कार्डन कंपनी का प्रीमियम साउंड सिस्टम दिया जा रहा है जो कि कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी से कनेक्ट किया जा सकता है। ऐसे में एक ये कारण भी है कि लोग अब टाटा की कारों को ज्यादा पसंद करने लगे हैं। 

3. अफोर्डेबिलिटी 

टाटा के व्हीकल्स की प्राइसिंग भी एक फैक्टर है कि लोग अब कंपनी की कारें खूब खरीद रहे हैं। कंपनी की टियागो सबसे सस्ती कार है जिसकी शुरूआती प्राइस 5 लाख रुपये तक है। टाटा सफारी कंपनी का फ्लैगशिप मॉडल है मगर 7 सीटर एसयूवी सेगमेंट में इसकी शुरूआती कीमत अल्क्जार से भी कम है। खास बात ये है कि टाटा के लाइनअप में देश की सबसे अफोर्डेबल इलेक्ट्रिक कार टिगॉर ईवी और नेक्सन ईवी भी है। अब ये कंपनी देश में कुछ और भी अफोर्डेबल इलेक्ट्रिक कारें उतारने की तैयारी कर रही है। टाटा की हैचबैक से लेकर एसयूवी सेगमेंट में मौजूद हर कार दूसरी कुछ प्रमुख कंपनियों की कारों के मुकाबले काफी अफोर्डेबल साबित हो रही है। 

4.सबसे सेफ व्हीकल बनाने में अव्वल 

Tata Punch Crash Test

भारत में अब लोग रोड सेफ्टी को लेकर काफी जागरूक हो रहे हैं। ऐसे में वो एक से बढ़कर एक सेफ्टी फीचर्स से लैस स्ट्रॉन्ग बिल्ड क्वालिटी वाले व्हीकल्स खरीदने को प्राथमिकता देने लगे है। जब बात सेफ कारों की आती है तो मास मार्केट में टाटा की कारों का कोई जोड़ नहीं है। कंपनी का हर व्हीकल ग्लोबल एनकैप से शानदार सेफ्टी रेटिंग पा चुका है। कंपनी की हर कार 4 स्टार से कम सेफ्टी रेटिंग तो अब तक लाई ही नहीं है। महिंद्रा एक्सयूवी700 के बाद टाटा पंच देश की दूसरी सबसे सेफ कारों में शुमार है जिसे 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिल चुकी है। 

5. विजन

जहां कुछ सालों पहले तक कई कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में कारें उतारने से हिचकिचा रही थी तब टाटा मोटर्स ही एकमात्र कंपनी बनी जिसने नेक्सन ईवी उतारी और आज ये कार मार्केट में हिट साबित हो चुकी है। कंपनी की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट का मार्केट शेयर बढ़ रहा है और इसका सीधा फायदा टाटा मोटर्स को मिलने लगा है। दिसंबर 2021 में टाटा नेक्सन ईवी को 2,255 यूनिट्स बिक्री के आंकड़े मिले थे और इसकी सालाना ग्रोथ में 439 प्रतिशत का रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। 

निष्कर्ष

जहां दुनिया में सेमी कंडक्टर की शॉर्टेज के कारण कारो के प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ रहा है तो वहीं टाटा मोटर्स को इससे ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है। हुंडई मोटर्स का कहना है कि सेमी कंडक्टर की शॉर्टेज के कारण वो समय पर अपने कस्टमर्स को कारों की डिलीवरी नहीं कर पा रही है जिससे उसे कम बिक्री के आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं। अब आगे ये देखना दिलचस्प रहेगा कि टाटा लगातार नंबर-2 के स्पॉट पर कितने समय तक कायम रहती है। 

इन 5 फैक्टर्स ने टाटा को बनाया देश की दूसरी सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरर, हुंडई को छोड़ चुकी है पीछे
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