Honda City eHEV hybrid India
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बिना गियरबॉक्स के कैसे चलेगी होंडा सिटी हाइब्रिड? जानिए यहां

होंडा कार्स इंडिया ने भारत में अपनी पॉपुलर सिटी सेडान के हाइब्रिड मॉडल को शोकेस कर दिया है। ये देश की सबसे अफोर्डेबल मास मार्केट हाइब्रिड कार बनने जा रही है और अपने माइलेज फिगर के कारण इस वक्त ये काफी चर्चाओं में भी है। इस कार के पावर और टॉर्क फिगर भी काफी अच्छे हैं ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि आखिर एक पावरफुल कार कैसे एक फ्यूल एफिशिएंट कार भी साबित होगी। इसके अलावा नई होंडा सिटी में दिया गया e:HEV हाइब्रिड पावरट्रेन कैसे करता है काम,ऐसे तमाम सवालों के जवाब आपको मिलेंगे इस आर्टिकल में:

क्या  है  e:HEV हाइब्रिड सिस्टम?

होंडा सिटी हाइब्रिड में e:HEV पावरट्रेन के तौर पर पेट्रोल इंजन,दो इलेक्ट्रिक मोटर और बैट्री का इस्तेमाल किया गया है। इसमें होंडा ने अपना 1.5 लीटर Atkinson इंजन दिया है जो 97 बीएचपी की पावर और 131 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। ये इंजन एक इलेक्ट्रिक जनरेटर मोटर से कनेक्ट किया गया है जो व्हील को स्पिन कराने वाली ट्रेक्शन मोटर को पावर सप्लाय करेगी। इस कार की इलेक्ट्रिक ड्राइव मोटर का पावर आउटपुट 107 बीएचपी और 253 एनएम है । सवाल ये है कि सिटी हाइब्रिड में 0.734 केडल्यूएच का बैट्री का पै​क दिया गया है जिसका वजन 14.5 किलोग्राम है। इतनी छोटी बैट्री होने के बावजूद भी इतनी पावर और टॉर्क कैसे जनरेट होगी। तो बता दें कि ये हाई वोल्टेज कैपेसिटी वाली बैट्री है जो जनरेटर मोटर और ट्रेक्शन मोटर दोनों से कनेक्टेड है। 

होंडा सिटी हाइब्रिड में कोई कन्वेंशनल गियरबॉक्स नहीं दिया गया है। इसके बजाए इसमें इलेक्ट्रॉनिक सीवीटी ट्रांसमिशन दिया गया है जिसका क्लच इसमें दिए गए पेट्रोल इंजन से कनेक्टेड है। 

कैसे काम करता है ये e:HEV हाइब्रिड सिस्टम?

New Honda City Hybrid Modes

होंडा का  e:HEV हाइब्रिड सिस्टम मैकेनिकली इस कार के व्हील्स से कनेक्टेड नहीं है। यानी दूसरी आम कारों की तरह गाड़ी के पहियों को आगे बढ़ने के लिए इंजन से कोई पावर नहीं मिलेगी। इसके बजाए इस कार के टायर जनरेटर मोटर की पावर के इस्तेमाल से काम करेंगे। इसकी जनरेटर मोटर पेट्रोल इंजन की पावर को इलेक्ट्रिसिटी में बदल देगी जिससे फिर ट्रेक्शन मोटर को पावर मिलेगी और ​ट्रेक्शन मोटर की पावर से फ्रंट व्हील्स स्पिन होंगे। 

इसकी बैट्री जनरेटर मोटर या रीजनरेटिव ब्रेकिंग से चार्ज होगी। वहीं फिर जरूरत पड़ने पर ट्रेक्शन मोटर के साथ साथ जनरेट मोटर को परफॉर्मेंस असिस्टेंस भी मिलेगी। इस सिस्टम के जरिए कार को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोड पर और इंजन मोड के साथ हाइब्रिड मोड पर भी ड्राइव किया जा सकेगा। बता दें कि इन मोड्स के लिए कार में कोई बटन नहीं दिए गए हैं और ये सेंसर की मदद से ऑटोमैटिकली काम करेंगे। उदाहरण के तौर पर आप यदि हाईवे पर ड्राइव कर रहे होंगे जहां कार काफी स्मीड पर होती है वहां इसका क्लच बंद हो जाएगा और इलेक्ट्रिक मोटर डिस्कनेक्ट हो जाएगी। इसके बाद इंजन की पावर सीधे व्हील्स तक पहुंचेगी यानी अब यहां पेट्रोल की खपत होनी शुरू हो जाएगी। चलिए आगे और अच्छे से समझिए इस कार में दिए गए मोड्स के बारे में:

होंडा सिटी e:HEV  में दिया गया हाइब्रिड मोड सिटी ड्राइविंग कंडीशन और ज्यादा स्पीड वाली ड्राइविंग के हिसाब से काफी परफैक्ट है। इलेक्ट्रिक मोड की बात करें तो इसमें ट्रेक्शन मोटर को केवल बैट्री से ही पावर मिलेगी और इस दौरान इंजन बंद हो जाएगा। इसका इस्तेमाल आप सिटी में ज्यादा भीड़ होने पर स्लो ड्राइविंग में कर सकते हैं। 

जैसा कि हमनें पहले भी बताया ये होंडा सिटी हाइब्रिड को हाईवे जैसी जगहों पर ज्यादा स्पीड में ड्राइव किया जाएगा तो उस समय ये पेट्रोल इंजन से पावर लेने लगेगी। इस दौरान eCVT सिस्टम का क्लच एक्टिवेट रहेगा जिससे व्हील्स को सीधे इंजन से पावर मिलेगी। दूसरे मोड्स पर इसका क्लच डीएक्टिवेट रहेगा। 

हायब्रिड टेक्नोलॉजी के प्रकार

माइल्ड हायब्रिड

भारत में Mild Hybrid Cars काफी पॉपुलर हैं जिनमें Maruti Ertiga ,Maruti Ciaz,Baleno शामिल हैं। माइल्ड हायब्रिड टेक्नोलॉजी पेट्रोल इंजन के साथ दी जाती है ​जिससे गाड़ियों की फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ती है। ये कारें ज्यादा पॉल्यूशन भी नहीं फैलाती है। इस टेक्नोलॉजी की सबसे खास बात ये होती है कि ट्रैफिक सिग्नल आने पर या कहीं गाड़ी को पूरी तरह से रोक दिए जाने के बाद ये इंजन को बंद कर देती है। इसके बाद आप जब चाहें केवल क्लच दबाते हुए गाड़ी को फिर से शुरू कर सकते हैं।

पैरेलल हायब्रिड

Parallel Hybrid Cars में भी एक आईसी इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दी गई होती है। आप चाहे तो पूरी तरह से अपनी कार को इंजन मोड या फिर इलेक्ट्रिक मोड पर चला सकते हैं। वहीं आप यदि चाहें तो दोनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये दोनों ही एलिमेंट्स कार के गियरबॉक्स से कनेक्टेड रहते हैं इसलिए इस टेक्नोलॉजी को पैरेलल हायब्रिड नाम दिया गया है। Toyota Camry और Honda Accord में इस तरह की टेक्नोलॉजी दी गई है।

प्लग-इन हायब्रिड

Plug-In Hybrid Cars में बड़ा बैट्री पैक दिया जाता है। आमतौर पर इनमें दिए गए बैट्री पैक को चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिक कारों की तरह इलेक्ट्रिकल सॉकेट दिया जाता है और बैट्री के फुल चार्ज होने पर ही आईसी इंजन काम करता है और दोनों के रहते कार अच्छा माइलेज देती है। भारत में Volvo XC40 प्लग इन हायब्रिड कार का एक बेहतरीन उदाहरण है।

सीरीज हायब्रिड

Series Hybrid Cars में भी आईसी इंजन के साथ साथ इलेक्ट्रिक मोटर दी जाती है। हालांकि,आईसी इंजन कार को पावर नहीं देता है बल्कि ये बैट्री पैक को चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करता है। इसके बाद बैट्री इलेक्ट्रिक मोटर को पावर सप्लाय करती है और फिर यही इलेक्ट्रिक मोटर गाड़ी के टायरों तक पावर पहुंचाती है।Kia Optima,Ford Fusion जैसी कारों में सीरीज हायब्रिड टेक्नोलॉजी दी गई है।

2 मोड हायब्रिड

इस तरह की टेक्नोलॉजी को दो तरीकों से काम में लिया जाता है। 2 Mode Hybrid Technology के रहते कार को पूरी तरह हायब्रिड मोड पर चलाया जा सकता है वहीं दूसरी तरफ इंजन की जरूरतों क हिसाब से आप दूसरे मोड पर गाड़ी को स्विच कर सकते हैं।

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