2021 MG ZS Electric
ऑटो इंडस्ट्री

अगले दो साल में पेट्रोल-डीजल वाली कारों के बराबर हो जाएगी Electric Vehicles की कीमत:गडकरी

भारत में इस वक्त इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लोगों द्वारा नहीं अपनाने का सबसे बड़ा कारण इनकी प्राइसिंग है। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आने वाले दो सालों के भीतर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमत पेट्रोल डीजल इंजन वाली गाड़ियों की कीमत के बराबर हो जाएगी। वहीं देश में अब फ्लैक्स फ्यूल और हायड्रोजन को भी वैकल्पिक ईंधन के तौर पर अपनाए जाने की तैयारी की जा रही है। 

भारत में इलेक्ट्रिक मो​​बिलिटी को लेकर सरकार तमाम तरह के प्रयास कर रही है। इसे लेकर सरकार ने अलग अलग लक्ष्य भी बनाए हैं जिसमें 2030 तक भारत में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सड़कों पर मौजूद होंगे। एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने और वैकल्पिक फ्यूल के बारे में खुलकर बातचीत की। गडकरी ने भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की तारीफ करते हुए कहा कि कंपनियों ने तीन साल से भी कम समय में बीएस6 नॉर्म्स के अनुसार गाड़ियों को अपग्रेड किया। उन्होनें आगे कहा कि अब हमारा ध्यान इलेक्ट्रिफिकेशन की तरफ है। अभी हम पर हर साल 8,00,000 करोड़ रुपये के तेल आयात का बोझ है जो आर्थिक रूप से हमें कमजोर बना रहा है। इसके अलावा देश में प्रदूषण की समस्या से भी आंख नहीं मूंदी जा सकती है। 

Tata Nexon EV variants

गडकरी ने बताया कि सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए रोडमैप तैयार कर लिया है और हम ISRO, DRDO, और IIT जैसे उच्च संस्थानों के साथ मिलकर लिथियन आयन टेक्नोलॉजी और उसकी मैन्यूफैक्चरिंग पर काम करेंगे। गडकरी ने इस बात की भी जानकारी दी कि देश में इस वक्त 81 प्रतिशत लिथियम आयन बैट्री यहीं तैयार की जा रही है और हमें पूरी उम्मीद है कि आने वाले दो साल में ये यहां 100 प्रतिशत तक तैयार कर ली जाएगी। 

गडकरी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल की प्राइसिंग कम करने को लेकर कहा कि आने वाले दो साल के अंदर electric two-wheelers और electric four-wheelers की कीमतें पेट्रोल डीजल इंजन वाले व्हीकल्स के बराबर आ जाएगी। वहीं उन्होनें ये भी कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के दाम भी मौजूदा डीजल इंजन वाली बसों के स्तर पर आ जाएंगे।

हायड्रोजन और फ्लैक्स फ्यूल होंगे वै​क्लिपक ईंधन

गडकरी ने कार्यक्रम में बताया कि देश की लैबोरेट्रीज में हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर भी काम किया जा रहा है वहीं हम इथेनॉल को वैकल्पिक ईंधन के तौर पर देख रहे हैं। उन्होनें कहा कि हम खासतौर पर ऑटो इंडस्ट्री को फ्लेक्स फ्यूल वाले 2 व्हीलर्स तैयार करने को लेकर प्रोत्साहन देने के लिए पूरी तरह तैयार है। अंत में उन्होनें कहा कि हम चाहते हैं कि हमारी ऑटो इंडस्ट्री देश में सस्ते और प्रदूषण रहित व्हीकल्स तैयार करने की ​दिशा में काम करे जिसके लिए सरकार उन्हें पूरी तरह से समर्थन देने के लिए तैयार है। 

अगले दो साल में पेट्रोल-डीजल वाली कारों के बराबर हो जाएगी Electric Vehicles की कीमत:गडकरी
To Top