Honda Civic Modified
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गैरकानूनी हैं इस तरह के Car Modifications, भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना

साल 2019 में देश की सर्वोच्च अदालत ने कार मॉडिफिकेशन से जुड़े नियम तय करते हुए कहा था कि गाड़ी के स्ट्रक्चर में​ किसी तरह के कोई बदलाव को अब गैर कानूनी माना जाएगा। इसके अलावा गाड़ी के इंजन और चेसिस में बदलाव को भी पूरी तरह से गैर कानूनी ठहराते हुए कोर्ट ने इस पर भारी जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी तय किया था। ऐसे में यदि आप कार मॉडिफाई कराने के बारे में सोच रहे हैं तो उससे पहले नीचे बताए गए नियमों को ध्यान से पढ़ें। 

भारत में गाड़ियां मॉडिफाई कराने का लोगों में काफी क्रेज है और यहां आप अपनी पसंद के अनुसार कार को बिल्कुल अपने ​हिसाब से डिजाइन करा सकते हैं और उसके पूरे लुक को बदल सकते हैं। लेकिन अब कार को मॉडिफाई कराना इतना आसान नहीं रह गया है। मॉडिफिकेशन सेंटर पर डिजाइनर आपके मुताबिक आपकी कार को डिजाइन कर तो देगा मगर हो सकता है कि उसे सरकारी नियमों की जानकारी ही ना हो। इसके बाद जब आप अपनी मॉडिफाइड कार लेकर सड़क पर निकलें तो क्या पता कि जाने अंजाने आपने कोई कानून तोड़ डाला हो जिसकी वजह से आपकी गाड़ी ही सीज कर दी जाए। ऐसे में यदि आप कार मॉडिफाई कराने के बारे में सोच भी रहे हैं तो उससे पहले जान लीजिए मॉडिफिकेशन से जुड़े ये नियम:

हद से ज्यादा बड़े और चौड़े टायर लगवाना

Mahindra XUV500 24-inch wheel

यदि आप मॉडिफिकेशन के लिहाज से अपनी कार में नए टायर लगवाने जा रहे हैं तो ध्यान रहे कि आपके टायर कार की बॉडी से बाहर ना झांके। आसान भाषा में कहें तो व्हील आर्क से बाहर निल रहे टायरों को कानूनन तौर पर अमान्य माना जाता है जिसके लिए आपसे अच्छा खासा जुर्माना वसूल किया जा सकता है। वैसे कई कंपनियों में गाड़ियों के वेरिएंट के हिसाब से भी अलग अलग साइज के टायरों की पेशकश की जाती है। ऐसे में यदि आपने ऐसी किसी कार का बेस मॉडल खरीदा है तो आप अपनी ही कार के टॉप वेरिएंट्स में दिया जा रहा बड़े साइज का टायर अपनी कार में लगवा सकते हैं। 

अलॉय व्हील्स

भारत में खासतौर पर लंबी सेडान कारों या एसयूवी कारों में स्टाइलिश अलॉय व्हील्स लगवाने का खासा क्रेज है। हालांकि देश में ओवर साइज अलॉय व्हील्स लगवाना गैर कानूनी माना जाता है। हालांकि आप तरह तरह के डिजाइन वाले स्टाइलिश अलॉय व्हील्स लगवा सकते हैं बशर्ते की वो टायरों से बाहर ना निकल रहे हों। 

डिजाइन

आपकी कार की रेगुलर स्टाइलिंग से अलग किसी तरह का कोई मॉडिफिकेशन अब गैरकानूनी करार दे दिया गया है। यदि आप अपनी गाड़ी के स्ट्रक्चर में कोई भी बदलाव करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ नियमों की पालना करनी होगी। उदाहरण के तौर पर आप अपनी कार की साइज को ज्यादा लंबा नहीं कर सकते हैं। इसका एक उदाहरण ये भी ​है कि यदि आप एक सेडान कार को लिमोजिन में कन्वर्ट कराना चाहें तो इसके लिए आपको अपने आरटीओ से अनुमति लेनी होगी। इसी तरह कई लोग पहले अपनी कारों की रूफ निकालकर उसे कन्वर्टिबल कार में तब्दील करने का जो मॉडिफिकेशन कर लिया करते थे वो 2019 से लागू हुए कार मॉडिफिकेशन नियमों के बाद से अब ऐसा नहीं कर सकते हैं। यदि आपको अफोर्डेबल कन्वर्टिबल कार लेनी ही है तो फिर इसके लिए महिंद्रा थार एसयूवी एक बेस्ट ऑप्शन रहेगा। 

कलर

कार में कोई नया कलर करवाना गैरकानूनी नहीं है मगर इसके लिए आपको अपने रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस की मंजूरी लेना आवश्यक है। 

टिंटेड ग्लास

Tinted Window

भारत में 50 ​प्रतिशत से कम विजिबिलिटी वाले ग्लास को लेकर बेहद ही सख्त कानून है। आपकी कार की के आगे वाले ग्लास और पीछे वाले ग्लास की विजिबिलिटी 70 प्रतिशत होनी चाहिए जबकी विंडोज़ के ग्लास की विजिबिलिटी 50 प्रतिशत होना आवश्यक है। यदि तय विजिबिलिटी कम पाई जाती है तो आपको भारी चालान भरना पड़ सकता है। इसके अलावा गाड़ी के फैैक्ट्री फिटेड ग्लास पर ब्लैक कलर की फिल्म चढ़ाना भी गैरकानूनी माना गया है। 

प्रैशर हॉर्न

कार के हॉर्न से जुड़ा कानून कहता है कि उसकी आवाज 80 डेसिबेल्स से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यदि आप अपनी कार में बाजार से लेकर कोई स्पेशल हॉर्न लगवाते हैं तो ध्यान में रहे कि वो 80 डेसिबेल्स से ज्यादा शोर ना करता हो। देश में बढ़ते नॉइस पॉल्युशन की वजह से अब वैसे भी सरकार ने प्रैशर हॉर्न पर बैन लगा दिया है। वहीं अब म्यूजिकल हॉर्न पर भी रोक लगा दी गई है। 

सस्पेंशन 

कार की राइड क्वालिटी में सुधार करने के लिए कभी कभी लोग कस्टमाइज्ड सस्पेंशन लगवा लेते हैं जो कि गलत नहीं है। मगर कानून कहता है कि इससे गाड़ी के ग्राउंड क्लीयरेंस पर कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। इससे यदि कार की राइड हाइट कुछ इंच उपर हो भी जाए तो ​कोई फर्क नहीं पड़ता मगर बहुत ज्यादा उपर होने पर ये गैर कानूनी माना जाएगा। 

लाउड साइलेंसर

नॉइस पॉल्यूशन को कम करने की दिशा में अब कारों में लाउड साइलेंसर लगाने को भी गैर कानूनी करार दे दिया गया है। यदि आपकी गाड़ी का साइलेंसर शोर करता हुआ पाया जाता है तो ट्रैफिक पुलिस को आपका चालान करने का पूरा अधिकार है। वहीं यदि आपकी कार का फैक्ट्री फिटेड साइलेंसर खराब हो गया है और गाड़ी ड्राइव करने पर ज्यादा शोर हो रहा तो तुरंत मैकेनिक के पास जाकर उसे ठीक कराएं। 

इंजन मॉडिफिकेशन

हां,कार का इंजन मॉडिफाई कराने में कोई बुराई नहीं है मगर आपको इसके लिए अपने रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस से परमिशन लेनी होगी। आप भले ही अपनी कार में ज्यादा पावरफुल इंजन लगवा लें मगर उसकी कैपेसिटी वही होनी चाहिए जो कंपनी ने आपकी कार के लिए तय की थी। 

गैरकानूनी हैं इस तरह के Car Modifications, भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना
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