Hyundai Creta Panoramic Sunroof
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Sunroof Vs Moonroof – सनरूफ और मूनरूफ के बीच का अंतर जानिए यहाँ

आजकल काफी कारोंं में हम सनरूफ का फीचर दिया जाने लगा है और ग्राहकों में भी इसकों लेकर काफी क्रेज रहता है। बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि कुछ कारों में मूनरूफ का फीचर भी दिया जाता है। अब सनरूफ और मूनरूफ के बीच क्या अंतर होता है ये हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे।

क्या होती है सनरूफ

New Tata Safari

सनरूफ कार की छत में लगा मूवेबल पैनल होता है जिसे हम टिल्ट करके या स्लाइड करके खोल सकते हैं। एक तरह से मान लीजिए ये गाड़ी में एक तरह की खिड़की ही होती है जो कार की छत पर दी जाती है। सनरूफ के भी दो प्रकार है होतेे हैं मैनुअल और इलेक्ट्रिक। मैनुअल में हमें खुद सनरूफ को स्लाइड करते हुए खोलना पड़ता है आजकल लगभग हर कार में इलेक्ट्रिक सनरूफ का फीचर दिया जा रहा है। इलेक्ट्रिक सनरूफ का कंट्रोल हमें आगे की तरफ ही मिलता है जिसे एक स्विच से खोला या बंद किया जा सकता है। कई कारों में इसके लिए वॉइस कमांड का फीचर भी दिया जा रहा है। आजकल पैनोरमिक सनरूफ का भी काफी ट्रैंड चल पड़ा है। ये सनरूफ फ्रंट और रियर सीट्स दोनों को कवर करती है। पैनोरमिक सनरूफ में पिछला ग्लास पैनल फिक्स होता है और इसके खोलने पर फ्रंट पैनल ही पीछे की ओर स्लाइड होता है। हुंडई क्रेटा,एमजी हेक्टर और टाटा हैरियर जैसी पॉपुलर कारों में पैनोरमिक सनरूफ का फीचर दिया जा रहा है।  

क्या होती है मूनरूफ

Range Rover Evoque Moonroof

बात की जाए मूनरूफ की तो इसमें भी सनरूफ की ही तरह टिंटेड ग्लास पैनल होते हैं। मूनरूफ एकदम फिक्सड होती है जिसे खोला नहीं जा सकता है। हालांकि यदि केबिन में सीधी धूप पड़े तो इसके लिए आप सनब्लाइंड का उपयोग कर सकते हैं। भारत में केवल Range Rover Evoque में ही ये फीचर दिया गया है।

सनरूफ के फायदे

सनरूफ का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि ​गर्मी के दिनों में केबिन में मौजूद गर्म हवा को इसके जरिए बाहर निकाला जा सकता है। ये एक तरह से एग्जॉस्ट फैन का भी काम करती है। हालांकि ये काम कार की खिड़कियां खोलकर भी किया जा सकता है मगर उसमें फिर काफी समय लगता है जबकि सनरूफ काफी कम समय में गर्म हवा को उपर के ऊपर ही बाहर कर देती है।

वहीं सर्दियों में केबिन के अंदर थोड़ी गर्माहट पाने के लिए आप सनरूफ की मदद ले सकते हैं।

सनरूफ के कारण केबिन में एक खुलेपन का अहसास होता है और ताजा हवा भी कार में बैठने वालों को मिलती रहती है।

सनरूफ के ऐसे कई फायदे तो होते ही हैं मगर लोग इस फीचर को ज्यादा इसलिए पसंद करते हैं कि इनके जरिए बाहर का नजारा काफी अच्छा मिलता है। यदि आप सुहावने मौसम में कहीं घूमने निकलते हैं तो आपको बैठे बैठे ऊपर का नजारा आराम से मिल जाता है।

सनरूफ का एक फायदा ये भी है कि केबिन में हवा का बैलेंस बनाए रखने के लिए हम विंडोज़ का उपयोग करते हैं जिससे विंड ब्लास्ट होता है। मगर सनरूफ खोलकर आप बिना शोर शराबे के आराम से केबिन में हवा का संतुलन बनाए रख सकते हैं।

सनरूफ के नुकसान

सनरूफ का फीचर देने के लिए मैन्यूफैक्चरर्स को सीलिंग को थोड़ा नीचे रखना पड़ता है जिससे फिर केबिन में कम हेडरूम स्पेस मिलता है।

चूंकि सनरूफ ग्लास पैनल से बनी होती है ऐसे में ये बहुत जल्दी गर्म भी हो जाता है। यहां तक कि आप अगर सनब्लाइंड शेड का भी इस्तेमाल करते हैं तो वो भी काफी गर्म हो जाता है जिसकी सीधा प्रभाव केबिन के अंदर पड़ता है।

सनरूफ कम से कम 20 से 30 किलो भारी होती है। ऐसे में व्हीकल पर इसका वजन बढ़ने से माइलेज पर सीधा प्रभाव पड़ता है। गाड़ी में जितना ज्यादा वजन होगा उसका इंजन उतना ही दबाव महसूस करेगी और फ्यूल की खपत भी फिर ज्यादा होगी।

सनरूफ काफी कमजोर होती है और गाड़ी के पलटने पर ये इसको सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है और ये आपके लिए भी काफी घातक साबित हो सकता है।

सनरूफ को रबर से सील किया जाता है रबर के पुराने होने पर इसमें से पानी रिसने की संभावना बनी रहती है। बारिश के दिनों में ये चीज ​आपको काफी परेशान कर सकती है और आपकी सीटें भी इससे फिर खराब हो सकती हैं।

यदि आपकी गाड़ी में स्लाइडिंग फीचर वाली सनरूफ है तो बंद करते या खोलते समय ये अटक भी सकती है। नतीजतन बारिश के दिनों में अगर ये खराब हो जाए तो फिर गाड़ी का पूरा केबिन पानी से भर सकता है। वहीं दूसरी तरफ सनरूफ रिपेयर कराने पर खर्च भी बहुत आता है। ऐसे में इन सब बातों पर गौर करने के बाद ही आप सनरूफ वाली कार खरीदें। 

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