एक रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला को जमीन देने की रेस में तीन राज्य कर्नाटक,महाराष्ट्र और गुजरात शामिल है और इनमें से गुजरात की दावेदारी ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है।
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल मेकर टेस्ला मोटर्स भारत में अपने कदम रख चुकी है। कंपनी ने देश की आईटी कैपिटल बेंगलुरू में अपना हेडक्वार्टर भी शुरू कर दिया है। वहीं कंपनी अब मुंबई,नई दिल्ली और बेंगलुरू में अपने शोरूम खोलने की भी तैयारी कर रही है। अब टेस्ला भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए जगह तलाश कर रही है जहां वो अपनी कारों को बाहर से इंपोर्ट कर असेंबल करने का काम करेगी। एक रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला को जमीन देने की रेस में तीन राज्य कर्नाटक,महाराष्ट्र और गुजरात शामिल है और इनमें से गुजरात की दावेदारी ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है। दरअसल गुजरात सरकार ने टेस्ला को प्रोडक्शन यूनिट लगाने के लिए करीब 1000 एकड़ जमीन आवंटित करने की पेशकश की है। फिलहाल इस मामले में टेस्ला की ओर से सभी विकल्पों में से बेहतर चुनने की दिशा में काम किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि कंपनी की तीनों राज्यों से ही लगातार बातचीत चल रही है मगर वो गुजरात या फिर कर्नाटक में से किसी एक राज्य में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगा सकती है। एक बात ये भी सामने आई थी कि टेस्ला कंपनी मुंबई शहर के साथ साथ वहां जवाहर लाल नेहरू पोर्ट के आसपास अपना चार्जिंग नेटवर्क तैयार कर लेना चाहती है। कंपनी की कारें इस बंदरगाह पर इंपोर्ट होकर पहुंचेगी। वहीं टेस्ला की देशभर में 27 वेंडर्स से बातचीत भी हुई है जिनमें से 20 महाराष्ट्र के हैं।
टेस्ला और महाराष्ट्र सरकार के बीच आखिरी बार 2020 में बातचीत हुई थी और उसके बाद से कंपनी ने सरकार को अपनी ओर से कोई जवाब नहीं भिजवाया है। दूसरी तरफ बेंगलुरू में हेडक्वार्टर स्थापित होने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने तो ट्वीट कर यहां तक कह दिया था कि अमेरिका की ये इलेक्ट्रिक कार कंपनी राज्य में जल्द ही फैक्ट्री और रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर शुरू करेगी। इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री को अपना ये ट्वीट ही डिलीट करना पड़ गया था।
गुजरात की दावेदारी मजबूत
गुजरात सरकार ने टेस्ला के सामने मुंदड़ा स्थित Adani Ports and Special Economic Zone (APSEZ) के अंदर या उससे बाहर जमीन देने का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि APSEZ करीब 8,400 हेक्टेयर में फैला हुआ है जिसका आधा हिस्सा अब भी खाली पड़ा है। आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि देश के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में भारतीय कस्टम से जुड़े कानून लागू नहीं होते और ये जोन बिल्कुल ड्यूटी फ्री होते हैं। टेस्ला के लिए गुजरात में अपनी फैक्ट्री लगाना यूं भी फायदे का सौदा साबित हो सकता है कि हाल ही में वहां की सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से जुड़ी नई पॉलिसी घोषित की है। इस नई पॉलिसी के तहत सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने पर अच्छी खासी सब्सिडी तो देगी ही साथ ही में वो चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने वालों को भी 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी।
इसके अलावा कर्नाटक के मुकाबले गुजरात में जमीनों के भाव कम हैं। एक रिपोर्ट के जरिए ये बात सामने आई थी कि गुजरात सरकार मूंदड़ा में एक इलेक्ट्रिक व्हीकल हब तैयार करना चाहती है जिसके लिए वो इलेक्ट्रिक व्हीकल बैट्री मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और दूसरे पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स को भी जमीन आवंटित करेगी। ये छोटी यूनिट्स टेस्ला को कई तरीकों से मदद करने में सक्षम होगी इसलिए टेस्ला के प्लांट के लिए गुजरात की दावेदारी मजबूत दिखाई दे रही है।
Tesla Model 3 इलेक्ट्रिक सेडान हो सकती है कंपनी की पहली पेशकश
भारतीय बाजार में टेस्ला मोटर्स की ओर से उतारी जाने वाली सबसे पहली कार Tesla Model 3 sedan हो सकती है। कंपनी इस कार को यहां इंपोर्ट कर बेचेगी ऐसे में इसकी प्राइस 60 लाख रुपये तक हो सकती है। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो टेस्ला की ओर इस सेडान का भारत में लॉन्ग रेंज वेरिएंट लॉन्च किया जा सकता है। सिंगज चार्ज के बाद ये कार करीब 569 किलोमीटर तक ड्राइव की जा सकती है। ये एक ऑल व्हील ड्राइव कार है जिसमें ड्युअल मोटर सेटअप लगा होगा। इसे 0 से 96 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में 4.2 सेकंड का समय लगता है। टेस्ला की इस अपकमिंग कार में ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग और ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग जैसे सेमी ऑटोनॉमस सेफ्टी फीचर्स दिए जा सकते हैं और फिलहाल इसके इंडियन वर्जन में ऑटोपायलट ऑटोनॉमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी का फीचर दिए जाने की संभावना काफी कम है।