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बहुत जल्द ई कॉमर्स साइट पर बिकेगा पेट्रोल और डीजल

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पेट्रोल और डीजल को भी सरकार आॅनलाइन खरीदारी वाली लिस्ट में शामिल करने की योजना बना रही है.

भारतीय अभी भी ई कॉमर्स वेबसाइट से शॉपिंग के लिए इतने आदी नहीं हुए हैं. इसलिए केंद्र सरकार आॅनलाइन खरीदारी को लगातार प्रोत्साहन दे रही है. पेट्रोल और डीजल को भी सरकार आॅनलाइन खरीदारी वाली लिस्ट में शामिल करने की योजना बना रही है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इसका प्रस्ताव संसदीय समिति के मध्य रखा है.

आइए जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल की होम डिलिवरी के पीछे सरकार का उद्देश्य, फायदा क्या है और इसे कैसे लागू किया जा सकता है:

ई—कॉमर्स से पेट्रोल डीजल बेचने का उद्देश्य:
पेट्रोल और डीजल को आॅनलाइन बेचने का सरकार का सबसे पहला उद्देश्य तो यही है कि देश की जनता को डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए प्रोत्साहित करना. इसके अलावा दूसरा ये कि उपभोक्ता पेट्रोल पंपों की लाइन में लगने से बचें और अपनी जरूरी के हिसाब से घर बैठे ही आॅर्डर दे सकें. पढ़े – 14 मई से हर रविवार बंद रहेंगे 8 राज्यों के पेट्रोल पंप

ये कैसे संभव होगा:
हालांकि अभी सरकार भी इस योजना को पूरी तरह लागू करने से पहले रणनीति और खांका तैयार कर रही है लेकिन महत्वपूर्ण आइडिया ये है कि कम्स्टमर्स को आॅनलाइन फ्यूल बुकिंग के लिए प्रोत्साहित करना. इसके लिए सबसे पहले भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरशेन और इंडियन आॅयल कॉरपोरेशन को ई कॉमर्स के अनुसार प्लेटफार्म तैयार करना होगा. इसके अलावा ये भी तैयारी करनी होगी कि अगर एक बार कस्टमर ने आॅर्डर कर दिया तो कैसे उस तक इसे पहुंचाया जाए.

नोटबंदी के बाद आया बदलाव :
नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को सबसे अधिक मदद पेट्रोल पंपों से ही मिली थी और लगातार मिल रही है. आज तमाम बैंक अपने कार्ड से डिजिटल पेमेंट पर कस्टमर्स को कैशबैक का आॅफर दे रही है. आज देश के कुल पेट्रोल पंप के 86% पर डिजिटल पेमेंट का आॅफर दिया जा रहा है. नोटबंदी से पेट्रोल पंपों पर पहले डिजिटल ट्रांजैक्शन जहां 150 करोड़ प्रतिदिन था वो अब 400 करोड़ प्रतिदिन का हो गया है.

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